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Blog / 25 Nov 2019

(इनफोकस - InFocus) राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड परियोजना - नैटग्रिड (The National Intelligence Grid - NATGRID)

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(इनफोकस - InFocus) राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड परियोजना - नैटग्रिड (The National Intelligence Grid - NATGRID)



राज्य गृह मंत्री G. Kishan Reddy ने लोक सभा को सूचित किया कि Natgrid का काम जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा एवं 31 दिसम्बर 2020 से इसे चालू कर दिया जायेगा।

क्या है NATGRID?

  • Natgrid भारत सरकार की एक महात्त्वाकांक्षी परियोजना है जिसके तहत सरकार बिखरी हुई सूचनाओं व जानकारियों को एक online प्लेटफार्म में एकत्रित करेगी। इन जानकारियों के माध्यम से सरकार की सुरक्षा सम्बन्धी नीतियों को बल मिलेगा।
  • इन सूचनाओं को big data के रूप में एकत्रित करके व इनका विश्लेषण करके सरकार हर एक संदेहास्पद गतिविधि पर नजर रख सकेगी जिससे भविष्य में उत्पन्न होने वाले खतरों को टाला जा सके व उनसे निपटने की पूर्व तैयारी की जा सके।
  • इन खतरों में आतंकवादी हमले, अपराध, तस्करी, व संगठित अपराधों आदि के ऊपर नजर रखी जा सकेगी।

नैटग्रिड की संरचना:

  • Natgrid को भारत के श्रेष्ठतम इंजीनियरों व cyber experts के द्वारा design किया गया है जिसमें इसकी गोपनीयता का खास ध्यान रखा गया है।
  • दरअसल Natgrid में कुल 21 एजेन्सियों से data माँगकर उसे सुरक्षित रखा गया है। जिसमें लोगों के Bank Accound की जानकारी, टैक्स का पैसा, अप्रवासी लोगों की जानकारी, उनके रूपयों का लेन-देन उनके फोन कॉल की जानकारी, उनकी यात्र का विवरण आदि से जुड़ी जानकारियाँ रखी गई है।
  • गौरतलब है कि इन जानकारियों तक सरकार की सिर्फ 10 संस्थाओं की पहुँच ही रहेगी जिनमें RAW यानि Research and Analysis Wing, IB यानि Intelligence Bureu, Military Intelligence, NIA आदि जैसी सुरक्षा एजेन्सियाँ शामिल रहेगी।
  • Natgrid का कार्यालय नई दिल्ली में जबकि इसके Data collection का कार्यालय बैंगलोर में होगा।

नैटग्रिड की जरूरत क्यों?

  • दरअसल भारत में किसी बड़ी अनहोनी या दुर्घटना के हो जाने पर या होने से पहले तमाम सरकारी संस्थाओं के बीच सामन्जस्य की कमी देखी गई थी। जिससे उनके बीच तालमेल बिठाना मुश्किल कार्य था।
  • खासकर 26/11 को मुंबई में हुये आतंकवादी हमले के बाद इसकी चर्चा जोर शोर से हुई थी कि भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिये सरकार व तमाम एजेन्सियाँ क्या करेंगी।
  • अभी तक यदि किसी एक Agency को दूसरी से कोई जानकारी लेनी होती थी तो पारम्परिक तरीके से उसमें समय लगता था और ऐसी घटनाओं में समय की क्या उपयोगिता होती है यह मुंबई जैसे हमलों ने समझा दी थी।
  • यही कारण है कि सरकार को Natgrid जैसे ठोस कदम की आवश्यकता पड़ी।

नैटग्रिड की आलोचना क्यों?

  • दरअसल कुछ लोगों के मुताबिक Natgrid, Right to privacy के खिलाफ है जिसमें आम लोगों की व्यक्तिगत जानकारी का सरकार गलत प्रयोग कर सकती है।
  • दूसरी यह कि राज्यों की पुलिस को Natgrid तक पहुँच नही मिलेगी जिससे किसी भी संदेहास्पद घटना पर तुरन्त कार्यवाही संभव नही हो पायेगी क्योंकि स्थानीय पुलिस को प्रथम प्रतिक्रिया कर्ता यानि first responder माना जाता है।
  • तीसरी यह कि ऐसे plateform की सुरक्षा करना एक बड़ी जिम्मेदारी होगी क्योंकि आतंकवादी आजकल cyber attack करने में माहिर हो गये हैं।
  • सरकार के मुताबिक मार्च 2020 तक Natgrid का आधारभूत सरंचना पूर्ण हो जायेगी और इसे दिसम्बर 2020 तक चालू कर दिया जायेगा।

गौरतलब है कि अमेरिका जैसे देशों में Centralised Intelligence System यानि केन्द्रीकृत सूचना प्रणाली 1990 के दशक से ही कार्य कर रही है जिसने अमेरिका की CIA, FBI जैसी संस्थाओं को बल दिया है साथ ही विदेशों में आतंकवाद के खिलाफ चलाये गये अभियानों में कारगर भी साबित हुई है।