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Blog / 24 Jun 2020

(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) उइगर मुस्लिम उत्पीड़न और अमेरिकी विधेयक (Uyghur Human Rights Bill)

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(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) उइगर मुस्लिम उत्पीड़न और अमेरिकी विधेयक (Uyghur Human Rights Bill)



जहाँ एक और कोरोना वायरस को लेकर चीन पूरी दुनिया के निशाने पे है....वहीँ चीन अपने घटिया रविये से भारत समेत अमेरिका से भी दुश्मनी मौल ले रहा है......ऐसे में अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने एक ऐसे बिल पर हस्‍ताक्षर किए हैं जिससे चीनी ड्रैगन की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ सकती हैं....

डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रेड, कोरोना और अब चीन को उइगर मुस्लिमों के मुद्दे पर चीन को घेर लिया है..राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ चलाए उसके अभियान के लिए दंडित करने के लिए एक विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं....

आज DNS में हम बात करेंगे उइगर मानवाधिकार अमेरिकी विधेयक के बारे में....और साथ ही जानेगे कोन है उइगर मुसलमान..क्यूँ चीन इनका दमन कर रहा है.....और साथ ही इससे जुड़े सभी पहलुओं को..

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के उइगर मुसलमानों के दमन पर प्रतिबंध लगाने के लिए बने कानून पर हस्ताक्षर किए हैं..... इस विधेयक में चीन के शिनजियांग प्रांत (Xinjiang Province) में उइगर और अन्य मुस्लिम समूहों के दमन के लिए उत्तरदायी लोगों के विरूद्ध प्रतिबंधों का प्रावधान किया गया है...संयुक्त राष्ट्र के अनुसार शिनजियांग प्रांत में स्थित शिविरों में लगभग दस लाख से अधिक मुसलमानों को हिरासत में रखा गया है...

विधेयक में, शिनजियांग कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव, चेन क्वांगो (Chen Quanguo) को उइगरों के खिलाफ “मानव अधिकारों के उल्लंघन” के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है....

विधेयक में, शिनजियांग क्षेत्र में काम करने वाली अमेरिकी कंपनियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उनके उत्पादों में बलात श्रम द्वारा निर्मित करवाई गयी सामग्री का उपयोग नहीं किया जाए...

संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि शिनजियांग क्षेत्र में स्थित शिविरों में दस लाख से अधिक उइगर मुसलमानों को हिरासत में रखा गया है...अमेरिकी विदेश विभाग ने चीनी अधिकारियों पर मुसलमानों को यातना देने, दुर्व्यवहार करने तथा उनकी संस्कृति और उनके धर्म को जड़ से मिटाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है...

उइगर (Uighur) कौन हैं?

चीन के शिनजियांग क्षेत्र में काफी अरसे से मुस्लिमों की एक जाति रहती आ रहीं है....उइगर मुसलमान एक तुर्क जातीय समूह है, जो कि शिनजियांग इलाके में रहते हैं. इतिहास के अनुसार उइगर मुस्लिम पूर्वी एवं मध्यस्थ एशिया के इलाकों में रहते आ रहे हैं. अगर देखा जाए तो इस जाति के कुछ लोग अफगानिस्तान एवं कजाकिस्तान के भी बहुत से इलाकों में रहते हैं.....शिनजियांग प्रांत में इनकी जनसंख्या तकरीबन 40 प्रतिशत है..

कुछ इतिहासकार इनको मंगोलिया के उइगर खगनाट की ही जाति मानते हैं, जो कि लगभग 9000 साल पुरानी जाति मानी जाती है. जबकि कुछ लोग इनका इतिहास 8 से 9वीं के आसपास का मानते हैं. हालांकि यहां के पत्थर की गुफाओं एवं चट्टानों पर उइगर जाति के एक राजा की कलाकृति भी बनी हुई है. जिससे की ये साफ होता है कि ये जाति लंबे समय से शिनजियांग क्षेत्र में रहे रही है और कोई भी इनके इतिहास को नहीं ठुकरा सकता है. वर्ष 1912 में चीन को क्विंग राजवंश से मुक्ति मिली थी, एवं चीन को गणराज्य घोषित किया गया था. उसके बाद चीन के इस इलाके पर तुर्की के एक इस्लामिक समूह ने कब्ज़ा करने की कोशिश की थी. जिसके बाद चीन के योद्धा ज़ेंगक्सिन को शिनजियांग को बचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. चीन सरकार द्वारा कहा गया कि पहले यहां हान जाति ही निवास करती थी, जिनको मारपीट कर भगाया गया था..

शिनजियांग क्षेत्र का इतिहास

उइगर ने इस क्षेत्र पर बहुत संघर्ष किया है इन लोगों ने सन् 1933 तैंतीस एवं 1944 चौवालिस में शिनजियांग को एक आजाद मुल्क की तरह स्थापित कर लिया था.... इसके लिए सोवियत कम्युनिस्ट नेता जोसेफ स्टालिन द्वारा इनकी मदद की गई थी....लेकिन 1944चौवालिस से 1949 उनचास में कुछ नेताओं ने शिनजियांग क्षेत्र को फिर से चीन गणराज्य में मिलाने का प्रस्ताव रखा और सन् 1949 उनचास में इस क्षेत्र को फिर से चीन में मिला लिया गया. इस घटना के बाद फिर से उइगर मुस्लिम चीन का हिस्सा बन गए...वहीं इस इलाके को लेकर तब से लेकर आज तक कई आंदोलन किए गए लेकिन चीन सरकार द्वारा सभी आंदोलनों को दबा दिया गया...

चीन उइगरों को क्यों निशाना बना रहा है?

शिनजियांग तकनीकी रूप से चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र है। शिनजियांग, चीन का सबसे बड़ा क्षेत्र है और खनिजों से समृद्ध है इसके साथ ही इस प्रांत की सीमायें भारत, पाकिस्तान, रूस और अफगानिस्तान सहित आठ देशों के साथ मिलती है...

पिछले कुछ दशकों में, शिनजियांग प्रांत आर्थिक रूप से समृद्ध हुआ है, इसके साथ ही बड़ी संख्या में बहुसंख्यक ‘हान चीनी’ इस क्षेत्र में आकर बस गए तथा बेहतर नौकरियों पर कब्जा कर लिया है। हान चीनीयों ने उइगरों के लिए आजीविका और पहचान के लिए संकट उत्पन्न कर दिया है...

इन्ही कारणों से, छिटपुट हिंसा की शुरुआत हुई और साल 2009 में शिनजियांग प्रांत की राजधानी उरुमकी में 200 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर हान चीनी थे। तब से कई अन्य हिंसक घटनाएं हुई हैं..

बीजिंग का कहना है कि उइगर समुदाय एक स्वतंत्र राज्य स्थापित करना चाहता है और, उइगरों के तुर्की और अन्य मध्य एशियाई देशों से सांस्कृतिक संबंधों के कारण, चीनी नेताओं को डर है कि पाकिस्तान जैसी जगहों पर अवस्थित उग्रवादी तत्व शिनजियांग में अलगाववादी आंदोलन को समर्थन दे सकते हैं..इसलिए, चीन की नीति पूरे समुदाय को संदिग्ध मानने और उइगरों की अलग पहचान को समाप्त करने के लिए एक व्यवस्थित परियोजना की शुरुवात कर रही है..

वहीं अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की और से जारी ये बयान 2020 उइगर मानवाधिकार नीति अधिनियम 'मानवाधिकारों के उल्लंघन के अपराधियों' को जवाबदेह ठहराएगा” इससे ना सिर्फ चीन और अमेरिका के बीच संबंध और खराब होने की आशंका है बल्कि चीन की चिंताएं भी इससे बढ़ जायेंगी.