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Blog / 01 Jul 2019

(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) सुरक्षा परिषद् और भारत (UN Security Council and India)

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(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) सुरक्षा परिषद् और भारत (UN Security Council and India)


मुख्य बिंदु:

हाल ही में, दुनिया भर के 54 देशों ने संयुक्त राष्ट्र संघ यानि न्दपजमक छंजपवद के सुरक्षा परिषद में भारत की अस्थाई सदस्यता को अपना समर्थन दिया है। इसी परिप्रेक्ष्य में अपने क्छै के आज के अंक में आइये हम जानने का प्रयास करते हैं कि क्या है UN और इसकी सदस्यता के क्या मायने हैं-

सुरक्षा परिषद् (UN Security Council) क्या है?

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र का एक प्रमुख अंग है जिसका मुख्य कार्य अर्न्तराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाये रखना है।
  • इसकी शक्तियों में अस्थिर देशों या युद्ध से ग्रसित देशों में शांति स्थापित करने के अभियानों को चलाना, सम्पूर्ण अर्न्तराष्ट्रीय जगत के लिए खतरा उत्पन्न करने वाले देशों पर अर्न्तराष्ट्रीय प्रतिबंध या Sanctions लगाना, और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के माध्यम से सैन्य कार्यवाही करना इत्यादि शामिल है।
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आदेश प्रस्तावों या Resolutions के माध्यम से जारी किये जाते हैं जो सदस्य देशों के लिए बाध्यकारी होते हैं।
  • सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य होते हैं, जिसमें कुल 5 सदस्य देश इसके स्थाई सदस्य होते हैं, जिन्हें P-5 देश कहा जाता है। ये 5 सदस्य देश हैं- रूस, United Kingdom, France, China, एवं United States.
  • इन P-5 सदस्यों के पास किसी भी निर्णय पर टमजव लगाने की शक्ति होती है। या यू कहें कि ये P-5 सुरक्षा परिषद के किसी भी प्रस्ताव पर टमजव कर सकते हैं। गौरतलब है कि इन 5 P-5 देशों में US, UK और France द्वितीय विश्व युद्ध में विजयी रहे है।
  • यह अपने टमजव शक्ति का उपयोग नये सदस्य देशों के प्रवेश या महासचिव के चुनाव में भी कर सकते हैं।
  • ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि P-5 देश एकमात्र ऐसे देश हैं जिन्हें परमाणु प्रसार संधि यानि Nuclear Proliferation Treaty के अन्तर्गत Nuclear Weapon States का दर्जा प्राप्त है।
  • इन P-5 देशों के अलावा सुरक्षा परिषद में 10 गैर-स्थाई सदस्य भी होते हैं, जिन्हें दो साल के लिए क्षेत्रीय आधार पर चुना जाता है, इसी गैर स्थाई सदस्यता के लिए भारत को 55 देशों का समर्थन प्राप्त हुआ है।
  • इस इकाई की अध्यता मासिक रूप से हर सदस्य देश के द्वारा जारी है।
  • सुरक्षा परिषद का Head Quarter – New-York में हैं, सभी सदस्यों के लिए यह अनिवार्य होता है कि वे हर वक्त New-York में उपस्थित रहें, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तत्कालिक Meeting की जा सके।
  • इन दस गैर-स्थाई देशों का कार्यकाल 1 January को आधिकारिक रूप से शुरू होता है, जिसमें से 5 सदस्य हर साल बाहर निकल जाते हैं।
  • गैर स्थाई सदस्य बनने के लिए हर उम्मीदवार देश को उस सीट के लिए पड़े कुल वोटों की संख्या का 2/3 वोट प्राप्त करना होता है।

आइये अब जानते है कि कैसे गैर सदस्य सुरक्षा परिषद में भाग लेते हैं-

  • एक ऐसा देश जो संयुक्त राष्ट्र का सदस्य तो है, पर वो न तो स्थाई सदस्य है, न ही गैर-स्थाई सदस्य है, वे सुरक्षा परिषद की बैठकों में तभी भाग लेते है, जब परिषद इस बात पर सहमत हो कि किसी निर्णय से उस देश पर कोई प्रभाव पड़े या फिर ऐसे किसी निर्णय या प्रस्ताव से संबंधित देश का कोई हित जुड़ा हो।
  • हालिया कई वर्षों में ब्राजील, जर्मनी, जापान और भारत को भारत के स्थाई सदस्यों के दल में शामिल करने की माँग बहुत जोरों से उठी है, इन देशों के विकास और क्षमताओं ने इस बात पर और बल दिया है, परन्तु कई कारणों से खासकर चीन के अडि़यल रवैये की वजह से भारत को सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता में अडंगा लगता रहा है।

आइये भारत के परिप्रेक्ष्य में कुछ अन्य तथ्यों को जानते हैं-

  • भारत संयुक्त राष्ट्र के स्थापक सदस्यों में से एक है।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ के Peacekeeping Missions में भारत लगातार अपनी सेनाओं को भेजता रहा है, इस लिहाज से भारत दूसरा सबसे बड़ा देश है जिसकी सेनाएं Peacekeeping Missions में जाती रही हैं।
  • वर्तमान में भारत के करीब 8500 सैनिक Peacekeeping forces के रूप में अलग-अलग देशों में कार्य कर रहे हैं, जिनकी संख्या P-5 देशों के कुल योगदान से भी अधिक है।
  • भारत लगातार अपने विकास और अर्न्तराष्ट्रीय महत्त्व को बढ़ाता जा रहा है, अर्न्तराष्ट्रीय संगठनों में भारत का बढ़ता कद जैसे- G-77, G-4, SCO, Wassenar Group, Australia group, MTCR इत्यादि में भारत का जिम्मेदार रवैया आज UN सुरक्षा परिषद में बदलाव की बात पर बल देता है और भारत सरकार विश्व के दशों की समर्थन हासिल कर रहा है जहाँ आज या कल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता लगभग तय है।