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Blog / 23 Jan 2020

(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां (Three Capitals of Andhra Pradesh)

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(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां (Three Capitals of Andhra Pradesh)


हाल ही में आंध्र प्रदेश की विधानसभा ने ‘‘आंध्रप्रदेश विकेन्द्रीकरण और सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास विधेयक 2020’’ यानि Andhra Pradesh decentralisation and inclusive development of all regions bill-2020 को पास कर दिया है।

हमारे आज के DNS में हम आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित तीन राजधानियाँ तथा इससे जुड़े विवादों पर चर्चा करेंगे।

  • कुछ दिनों पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री Y.S. Jagan Mohan Reddy ने दक्षिण अफ्रीका की तर्ज पर आंध्र प्रदेश की भी तीन राजधानियों की बात कही थी।
  • यह राजधानियाँ अमरावती, विशाखापत्तनम तथा कुर्नूल हैं इसमें अमरावती को विधायी राजधानी यानि Legislative capital, विशाखापत्तनम को कार्यकारी राजधानी यानि Executive capital तथा कुर्नूल को न्यायिक राजधानी बनाने की बात कही गई है।
  • दक्षिण अफ्रीका में इसी तरह प्रशासनिक राजधानी प्रिटोरिया में राष्ट्रीय विधायिका केपटाउन में तथा न्यायिक राजधानी ब्लूमफान्टेन है।
  • हालांकि इस बिल को अभी आंध्र प्रदेश की विधान परिषद में भी पारित होना पड़ेगा जहाँ पर सत्ताधारी YSR Congress बहुमत में नही हे।
  • दरअसल आंध्र प्रदेश के इतिहास में इसकी राजधानियाँ हमेशा से ही विवादों के घेरे में रही हैं।
  • 1953 में जब पहली बार आंध्र राज्य की नींव इसके 11 जिलों के साथ पड़ी तो आंध्र राज्य की राजधानी कुर्नल को बनाया गया।
  • बाद में हैदराबाद के इसमें मिल जाने के कारण 1956 में आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद कर दी गई।
  • दरअसल आंध्र प्रदेश भाषायी आधार पर बनने वाला भारत का प्रथम राज्य था जिसे तेलगू बोलने वाले जिलों को मद्रास, हैदराबाद तथा रायल सीमा से काटकर बनाया गया था।
  • एक बार फिर से 2014 में आंध्र प्रदेश को दो भागों में विभाजित कर एक नया राज्य तेलंगाना बनाया गया। लेकिन Andhra Pradesh Reorganisation Act 2014 के मुताबिक हैदराबाद को तेलंगाना की राजधानी बना दिया गया ऐसे में एक बार फिर से आंध्र को अपनी नई राजधानी बनाने की जरूरत पड़ी।
  • हालांकि एक्ट के मुताबिक हैदराबाद 10 वर्षों तक दोनों राज्यों की राजधानी के रूप में कार्य करेगा।
  • आंध्र प्रदेश सरकार ने अपने इस तीन राजधानियों वाले फार्मुले के पीछे का कारण सभी क्षेत्रों का समान विकास बताया। सरकार के मुताबिक विकास को सिर्फ एक जगह पर केन्द्रीकृत कर देना अन्य क्षेत्रों के साथ अन्याय होगा।
  • इसके साथ ही सरकार ने प्रदेश के सभी क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित करने के लिये प्रदेश को चार जोन में बाँटने की बात भी कही है जिसके लिये Zonal Development Boards भी बनाये जायेंगे।
  • राजधानियों के इस विवाद को लेकर आंध्र प्रदेश में कई दिनों से प्रदर्शन चल रहे हैं और लोक अमरावती को राजधानी बनाने की माँग कर रहे हैं।