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Blog / 29 Mar 2019

(डेली न्यूज़ स्कैन (DNS हिंदी) मिशन शक्ति : अंतरिक्ष में वर्चस्व (Mission Shakti: Space Supremacy of India)

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(डेली न्यूज़ स्कैन (DNS हिंदी) मिशन शक्ति : अंतरिक्ष में वर्चस्व (Mission Shakti: Space Supremacy of India)


मुख्य बिंदु:

भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में एक नया मकाम हांसिल किया है। उपग्रहभेदी सैटेलाइट ए-सैट का सफल परीक्षण कर भारत अब अंतरिक्ष महाशक्ति बन गया है। इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन- D.R.D.O ने तैयार किया था। ये मिसाइल ओडिशा में मौजूद डॉ० ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वीप से छोड़ी गई थी। ए-सैट मिसाइल का परीक्षण अंतरिक्ष में मौजूद भारत के ही एक लाइव सैटेलाइट यानी पहले से ही निर्धारित लक्ष्‍य को सफलतापूर्वक निशाना बनाते हुए पूरा किया गया। भारत ने ये उपलब्धि 27 मार्च 2019 को हांसिल की। भारत ये उपलब्धि हांसिल करने के बाद दुनिया का चौथा ऐसा देश बन गया है जिसके पास ए-सैट मिसाइल मौजूद है। इससे पहले ये मिसाइल सिर्फ अमेरिका रूस और चीन के पास ही मौजूद थी। उपग्रहभेदी सैटेलाइट ए-सैट के इस ऑपरेशन को मिशन शक्ति का नाम दिया गया ।

भारत ने A- सैट का सफल परीक्षण निचली कक्षा में मौजूद सैटेलाइट को मार गिरा कर पूरा किया था। पृथ्वी की निचली कक्षा यानी लो अर्थ ऑर्बिट पृथ्वी के निचले हिस्से को कहा जाता है। पृथ्वी का निचला हिस्सा पृथ्वी से 160 किलोमीटर की ऊंचाई से लेकर 2000 किलोमीटर तक की ऊंचाई के बीच में मौजूद होता है। इस कक्षा में प्रक्षेपित की गई सैटेलाइट दिन में पृथ्वी का क़रीब तीन से चार बार चक्कर लगाती है। इस कक्षा में प्रक्षेपित किए जाने वाले सैटेलाइटों में अन्य कक्षाओं के मुक़ाबले काफी कम ईंधन का खर्च आता है। साथ ही कई देशों द्वारा दूसरे देशों की जासूसी करने वाले सैटेलाइट इसी कक्षा में स्थापित किए जाते हैं। ए-सैट मिसाइल ने जिस सैटलाइट को मार गिराया है उसका कुल वजन 740 किलोग्राम था। ए-सैट का परीक्षण सिर्फ 3 मिनट में ही पूरा हो गया था।

ए-सैट का मतलब है - एंटी सैटेलाइट मिसाइल। एंटी मिसाइल के बारे में आपको बताएं तो ये ऐसे स्पेस मिसाइल होते हैं जिनका इस्तेमाल अंतरिक्ष में किसी दूसरे देश के जासूस उपग्रहों या निगरानी करने वाले सैटेलाइटों को नष्ट करने के लिए किया जाता है। एंटी सैटेलाइट मिसाइल किसी भी उपग्रह को मार गिराने की क्षमता रखता है। A सैट मिसाइल तीन चरणों में काम करता है। एंटी मिसाइल काइनेटिक किल मैकेनिज़्म पर काम करती है। इसके वॉर हेड पर एक मेटल स्ट्रिप होता है। जिसका काम सैटेलाइट को नष्ट करने के लिए होता है। A सैट, मिसाइल को लांच करने से पहले राडार सैटेलाइट की स्थितियों की जाँच करता है। राडार A सैट मिसाइल को उपग्रहों की स्थितियों की जानकारी देता है। एंटी सैटेलाइट मिसाइल को किल वेपन भी कहा जाता है।

भारत का A सैट मिशन भारत के मेक इन इंडिया पर आधारित था। भारत की ये नई क्षमता किसी भी देश के विरुद्ध नहीं है। भारत ने इस उपलब्धि में किसी भी तरह के अंतराष्ट्रीय नियमों का उलंघन नहीं किया है। एंटी सैटेलाइट मिसाइल भारत की तेज़ गति से विकसित हो रही रक्षा प्रणाली का एक कदम है। भारत का हमेशा से ही सामरिक उद्येश्य शांति कायम रखना रहा है। ऐसे में अंतरिक्ष क्षेत्र में शांति और सुरक्षा का माहौल बनाए रखने वाले भारत के लिए ये उपलब्धि कई मायनों में मज़बूती प्रदान करेगी। एंटी सैटेलाइट मिसाइल के ज़रिए भारत अब अंतरिक्ष में और भी ज़्यादा मज़बूत हो गया है। एंटी सैटेलाइट भारत की सुरक्षा के लिहाज़ से बेहद खास है। साथ ही एंटी सैटेलाइट मिसाइल आर्थिक विकास और तकनीकि प्रगति के नज़रिए से भी महत्वपूर्ण है। मौजूदा समय में अगर कोई भी देश भारत के स्पेस ऑब्जेक्ट को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो भारत अब एंटी सैटेलाइट मिसाइल के ज़रिए भारत अब किसी भी दूसरे देश को जवाब देने में सक्षम है। भारत A सैट मिसाइल के ज़रिए लगभग 1,000 km तक की सैटलाइट को अपना निशान बना सकता है।