(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) लुक आउट सर्कुलर (Look Out Circular)
मुख्य बिंदु:
हाल ही में आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के लिए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है। आईएनएक्स मीडिया घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार और धनशोधन मामलों में पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज 20 अगस्त 2019 को खारिज कर दी थी।
आइए आज के डीएनएस में जानते हैं की लुक आउट सर्कुलर होता क्या है?
लुक आउट सर्कुलर होता क्या है?
- लुक आउट सर्कुलर गृह मंत्रालय या अन्य आधिकारिक सरकारी एजेंसियों के द्वारा आव्रजन अधिकारियों को एक प्रकार का दिशानिर्देश होता है। लुक आउट सर्कुलर के द्वारा आधिकारिक सरकारी एजेंसियां यह सुनिश्चित करने का प्रयास करती हैं की किसी मामले में वांछित व्यक्ति (चाहे वह संदिग्ध/अपराधी हो) देश छोड़कर बाहर ना जाने पाए। लुक आउट सर्कुलर का उपयोग अंतरराष्ट्रीय सीमाओं जैसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे क्या समुद्री क्षेत्र बंदरगाहों पर आव्रजन जांच में किया जाता है।
- सामान्य तौर पर किसी व्यक्ति के विरुद्ध लुक आउट सर्कुलर तब जारी किया जाता है जब वह किसी आपराधिक मामले में वांछित हो,जांच एजेंसियों के साथ और उसके देश छोड़कर चले जाने की संभावना हो। देश की आधिकारिक एजेंसियां चार प्रकार के लुक आउट सर्कुलर जारी करती है जिसके आधार पर आव्रजन अधिकारी को कार्रवाई करनी होती है
- किसी व्यक्ति के आवाजाही की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए
- किसी व्यक्ति के दिखने पर तुरंत आव्रजन अधिकारी संबंधित एजेंसी को सूचना प्रदान करें
- किसी व्यक्ति को देश छोड़कर जाने से रोकने के लिए
- किसी व्यक्ति को तुरंत आव्रजन अधिकारियों के द्वारा गिरफ्तार करना
किन परिस्थितियों में लुक आउट सर्कुलर जारी किया जाता है
गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार निम्न स्थितियों में लुक आउट सर्कुलर जारी किया जा सकता है
- संज्ञेय अपराध का आरोपी, यदि वह गिरफ्तारी से बच रहा है, या
- संज्ञेय अपराध का आरोपी, यदि अदालत में सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं हो रहा है, या
- संज्ञेय अपराध का आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए देश छोड़ने की संभावना हो
- राष्ट्र-विरोधी, आतंकवादी या संदिग्ध
इसके साथ ही भारतीय दंड संहिता 1973 के तहत संज्ञेय अपराध के संदर्भ में भी लुक आउट सर्कुलर जारी किया जा सकता है
लुक आउट सर्कुलर कौन जारी करता है?
- लुक आउट सर्कुलर का उद्भव गृह मंत्रालय के 1979 के एक मेमोरेंडम से हुआ। लुकआउट से संबंधित मेमोरेंडम और सर्कुलर 2,000, 2010, 2017 और 2018 में भी जारी किए गए।
- लुक आउट सर्कुलर को गृह मंत्रालय समेत, कस्टम और आयकर विभाग, वित्तीय सूचना निदेशालय, सीबीआई, इंटरपोल क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिसर, पुलिस प्राधिकारी समेत सरकार की अन्य जांच एजेंसियां द्वारा जारी किया जाता है।नंबर 2018 में सरकार के द्वारा बैंकों को भी वित्तीय अपराधों के मामले में लुक आउट सर्कुलर जारी करने की शक्ति प्रदान की गई।
- लुक आउट सर्कुलर को जारी करने के नियम और इसकी वैधता
- लुक आउट सर्कुलर को केंद्र में उपसचिव रैंक के अधिकारी और राज्यों में संयुक्त सचिव और जिला स्तर पर पुलिस अधीक्षक ही जारी कर सकते हैं।
- लुक आउट सर्कुलर की वैधता 1 वर्ष की होती है किंतु इसे संबंधित एजेंसी के अनुरोध पर आगे भी बढ़ा जा सकता है। यदि संबंधित एजेंसी के द्वारा लुक आउट सर्कुलर की अवधि बढ़ाने का अनुरोध नहीं किया जाता है तो लुक आउट सर्कुलर आव्रजन अधिकारी के द्वारा समाप्त कर दी जाती हैं।
लुक आउट सर्कुलर के जारी होने के बाद क्या होता है?
एक बार लुकआउट सर्कुलर जारी होने के बाद उस व्यक्ति का नाम इमीग्रेशन अधिकारियों को प्रेषित कर दिया जाता है। सारे एयरपोर्ट, बंदरगाह या भूमिगत चेक पॉइंट के द्वारा वांछित व्यक्ति को देश से बाहर निकलने पर रोक लगा दी जाती है।
लुकआउट सर्कुलर से जुड़े महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय
- 1967 में सतवंत सिंह साहनी बनाम असिस्टेंट पासपोर्ट ऑफिसर मामले में न्यायालय ने विदेश यात्रा का अधिकार को अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार में निहित माना
- 1977 के मेनका गांधी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस में न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि कानून को “ उचित, सीमित और तार्किक होना चाहिए”
- 2010 में सुमेर सिंह बनाम असिस्टेंट डायरेक्टर एवं अन्य में न्यायालय द्वारा लुक आउट सर्कुलर के विरुद्ध व्यक्ति को अपने बचाव हेतु कुछ परिस्थितियों का वर्णन किया गया
- व्यक्ति को जांच एजेंसियों के द्वारा किए जाने वाले जांच में हाजिर होना
- उसे न्यायालय में सरेंडर करना चाहिए
- उसे न्यायालय में यह सिद्ध करना चाहिए कि जांच एजेंसियों के द्वारा गलत तरीके से लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है
- वह संबंधित जांच एजेंसी को स्पष्टीकरण के साथ-साथ एजेंसी को भरोसा दिलाएगा की उसके विरुद्ध लुक आउट सर्कुलर गलत तरीके से जारी हुआ है
भारत के कुछ हाई प्रोफाइल केस जिनके विरुद्ध लुक आउट सर्कुलर जारी किए गए-
- चंद्रा कोचर- आईसीआईसी बैंक की सीईओ ( बैंक लोन घोटाले कि आरोपी)
- नरेश गोयल- जेट एयरवेज के प्रमुख
- राजीव कुमार- कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर ( शारदा चिटफंड घोटाले के आरोपी)
- वेणुगोपाल धूत- वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमुख ( बैंक लोन घोटाले के आरोपी)
- विजय माल्या- किंगफिशर ग्रुप के प्रमुख ( बैंक लोन घोटाले के आरोपी)