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Blog / 23 Jun 2020

(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) भारत-चीन तनाव: असल वजह (Indo-China Conflict : What is Actual Cause)

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(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) भारत-चीन तनाव: असल वजह (Indo-China Conflict : What is Actual Cause)



भारत के लद्दाख में चीनी सीमा पर 15 जून की रात को जो कुछ भी हुआ उससे भारतीयों को गहरा मानसिक आघात लगा है. भारत-चीन तनाव कोई नई बात नहीं है, आए दिन इन दोनों देशों के बीच जमीन को लेकर तनातनी देखने को मिलती रहती है. पिछले 45 सालों के दौरान भारत और चीन के बीच कभी कोई हिंसक झड़प नहीं हुई. लेकिन इस बार ऐसा क्या हुआ कि मामला खून-खराबा तक आ पहुंचा. क्या बात सिर्फ भारत द्वारा सड़क बनाने की है या फिर इसके पीछे कोई और असल वजह है?

डीएनएस में आज हम जानेंगे इन्हीं सवालों के जवाब और साथ ही समझेंगे इससे जुड़े कुछ दूसरे अहम पहलुओं को भी……..

बीते कुछ दिनों से भारत अपनी सेना और सुरक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने पर खासा ध्यान दे रहा है. इसके अलावा, पाकिस्तान, चीन, नेपाल और बांग्लादेश की सीमा से लगे इलाकों में भारत इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है. इसी प्रयास में भारत ने लद्दाख में भी सड़क निर्माण शुरू किया था. यह बात चीन को बेहद ही नागवार गुजरी और उसने गलवान घाटी को अपना हिस्सा बताते हुए भारत से सड़क निर्माण न करने को कहा. इसके बाद से तनाव बढ़ता गया और मामला हिंसक हो गया.

पहली नजर में तो यही कारण दिखता है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि भारत-चीन तनाव के पीछे सड़क निर्माण के अलावा और भी कुछ अहम वजह हैं. मसलन जब भारत में जम्मू-कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को समाप्त करते हुए अनुच्छेद 370 को हटाया था तो चीन इस बात से बेहद बिल्कुल भी खुश नहीं था. दरअसल पाकिस्तान चीन के एक हथियार के रूप में काम कर रहा था लेकिन अनुच्छेद 370 हटने से जम्मू-कश्मीर मामले को लेकर पाकिस्तान कमजोर पड़ गया था. जब भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर की समस्या को हल करने के लिए बहुआयामी कदम उठाए तो चीन को अपनी दाव कमजोर पड़ती दिखने लगी. इसीलिए चीन ने पाकिस्तान की मदद के लिहाज से जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को जिंदा रखने की कोशिश की.

इसके लिए चीन ने सीमा पर तनाव बढ़ाने का रास्ता चुना क्योंकि अगर सीमा पर तनाव बढ़ेगा तो भारतीय सेना और उससे जुड़े अन्य संसाधन सीमा की सुरक्षा में लगा दिए जाएंगे. इस तरह जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ और आतंकवाद की समस्या से निपटने में सरकार कमजोर पड़ेगी और पाकिस्तान को उसका फायदा मिलेगा.

मौजूदा तनाव के पीछे एक दूसरा कारण भी है. दरअसल अनुच्छेद 370 समाप्त होने के कारण लद्दाख में बड़ा प्रशासनिक बदलाव देखने को मिला है. इससे चीन से काराकोरम होते हुए पाकिस्तान को जाने वाले रास्ते में चीन को दिक़्क़त आ सकती है. चीन को यह डर है कि अगर इस इलाके में भारत का दबदबा बढ़ा तो उसके व्यापारिक हित समेत कई दूसरे हित प्रभावित हो सकते हैं. इसीलिए चीन लद्दाख की सीमा पर अपनी पकड़ मज़बूत रखना चाहता है.

इसके अलावा, पिछले कुछ सालों में भारत के अंतरराष्ट्रीय कद और छवि में काफी सुधार हुआ है. चीन को इस बात का डर है कि उसके सुपरपावर बनने की महत्वाकांक्षा पर भारत कहीं पानी ना फिर दे. मौजूदा भारत सरकार की लोकप्रियता से चीन का शक और बढ़ गया है. ऐसे में, अगर चीन सीमा पर भारत के मनोबल को गिराने का काम करे तो भारतीय जनता का उसके सरकार में विश्वास कमजोर होगा. अगर सरकार कमजोर हुई तो चीन को अपनी बादशाहत कायम रखने में मदद मिल पाएगी.

चीन के साथ हालिया हिंसक झड़प के पीछे चीन की आंतरिक स्थिति को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दरअसल चीन के राष्ट्रपति को इन दिनों कई मोर्चों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. हांगकांग का मामला हो, ताइवान का मामला हो, या फिर शिनजियांग प्रांत के उइगर मुसलमानों का मामला हो - सभी मुद्दों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन की सरकार हर तरफ से घिरी नजर आ रही है. इन तमाम मुद्दों के अलावा चीन के बिगड़ते आर्थिक हालात समेत कई दूसरे ऐसे मुद्दे हैं जिन पर चीनी सरकार मुश्किलों का सामना कर रही है. अमेरिका के साथ चीन के ट्रेड वार ने चीन की आर्थिक परिस्थिति को काफी प्रभावित किया है.

इन सबसे ऊपर, जो सबसे ज्यादा गरम मामला है वह है कोरोना फैलाने का आरोप. हाल ही में, 194 सदस्य देशों वाली वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में एक प्रस्ताव पेश किया गया. इस प्रस्ताव के जरिए यह मांग की गई कि कोरोना वायरस कहां से शुरू हुआ इसकी जाँच होनी चाहिए. ऐसे में, चीन की सरकार ने इन तमाम मुद्दों से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और चीनी जनता का ध्यान भटकाने के लिए 'मिलिट्री नेशनलिज्म' का सहारा लिया है यानी अगर बॉर्डर पर तनाव भड़का तो लोगों का ध्यान दूसरे मुद्दों से हट जाएगा और जनता के मन में एक 'आक्रामक राष्ट्रवाद' की भावना पनपने लगेगी. इसीलिए चीन ने अपने सभी मोर्चों पर, चाहे वह साउथ चाइना सी हो, या भारत हो, या कोई और सीमा हो, सब पर सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी हैं. क्योंकि साउथ चाइना सी में सैन्य गतिविधियां बढ़ाने में ज्यादा वक्त और लागत की जरूरत पड़ेगी इसीलिए भारत से सटे जमीनी सीमा पर तनाव बढ़ाना चीन को ज्यादा आसान लग रहा है.

चीन के इस हरकत का जवाब क्या होना चाहिए? इसके उत्तर में विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को भी सीमा पर चौकसी और सैन्य तैनाती बढ़ाए रखनी चाहिए ताकि देश का मनोबल बना रहे. इसके अलावा, भारत को दूसरे कूटनीतिक रास्तों और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चीन को घेरने जैसी नीतियों का भी सहारा लेना चाहिए. साथ ही, सरकार को चाहिए कि वह आत्मनिर्भर भारत और सैन्य आधुनिकीकरण जैसे बिंदुओं पर भी ध्यान दे.