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Blog / 04 Mar 2019

(डेली न्यूज़ स्कैन (DNS हिंदी) भारत पाकिस्तान सैन्य तुलना (India vs Pakistan: Military Prowess)

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(डेली न्यूज़ स्कैन (DNS हिंदी) भारत पाकिस्तान सैन्य तुलना (India vs Pakistan: Military Prowess)


मुख्य बिंदु:

पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एक एयर स्ट्राइक किया था । ये एयर स्ट्राइक जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए किया गया था। जिसमें क़रीब 300 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने की बात कही जा रही है। भारत की ओर से किए गए एयर स्ट्राइक के बाद पकिस्तान की ओर से भी भारत पर हमला किए जाने की संभावना है । ताज़ा जानकारी मिलने तक पकिस्तान की ओर से किए गए हवाई हमले का भारत ने मुहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय सीमा में प्रवेश करने वाले पाकिस्तानी लड़ाकू विमान F-16 को भारतीय सेना ने मार गिराया है। हालांकि इस हमले के दौरान एक भारतीय लड़ाकू विमान MIG 21 भी क्रैश हो गया और इसमें मौजूद पायलट पाकिस्तानी सेना की हिरासत में है।

DNS में आज हम आपको भारत और पकिस्तान की सैन्य ताक़तों के बारे में बताएंगे साथ ही मौजूदा स्थिति के दूसरे पहलुओं को भी समझने की कोशिश करेंगे।

अंग्रेज़ों से आज़ादी मिलने के बाद पकिस्तान भारत से अलग हो गया था। 14 अगस्त 1947 के दिन पाकिस्तान को एक अलग देश की मान्यता मिली थी। अलग देश बनने के बाद से ही पकिस्तान भारत पर हमले करता रहा है। आज़ादी मिलने के चंद महीनों बाद ही पाकिस्तान ने भारत के जम्मू कश्मीर इलाक़े पर हमला किया और जम्मू कश्मीर के कई इलाकों पर अपना कब्ज़ा जमा लिया। पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के जिन इलाकों पर कब्ज़ा जमाया है उसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी POK कहा जाता है। इस प्रकार बनी नई सीमा को LOC यानी लाइन ऑफ़ कंट्रोल कहा जाता है।

अक्टूबर 1947 में भारत और पकिस्तान के बीच हुई ये पहली लड़ाई थी। जिसके बाद भारत और पकिस्तान के बीच कई लड़ाईयां हुईं हैं। 1962 में भारत और चीन के बीच हुए युद्ध के बाद ही पाकिस्तान ने भी 1965 में भारत पर हमला किया था। पाकिस्तान ने ये हमला जम्मू कश्मीर इलाक़े पर किया था जहां क़रीब अलगे 17 दिनों तक भारत और पकिस्तान के बीच जंग चलती रही। इसके अलावा 1971 में भी जब पूर्वी पकिस्तान के संकट का असर भारत पर भी पड़ा तो भारत ने पाकिस्तान को इसका जवाब दिया। साथ ही साल 1999 में हुआ कारगिल युद्ध भी पकिस्तान की ही ओर से शुरू किया गया था। जिसके बाद भारत ने भी जवाबी करवाई की और पकिस्तान को कारगिल से भागना पड़ा।

भारत 90 के दशक से ही पाकिस्तान की ओर से जारी छद्म युद्ध का सामना कर रहा है। पाकिस्तान की ओर से जारी इस छद्म युद्ध में भारत को भारी नुकसान पहुंचा है। पाकिस्तान अपने मुल्क़ में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे कई और भी चरमपंथी समूहों को संरक्षण देता है और इन्हीं संगठनों के ज़रिए जम्मू कश्मीर और भारत के कई इलाकों में आतंकवादी हमले करवाता रहता है। भारत में होने वाले इस तरह के होने हमलों को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की श्रेणी में रखा जाता है।

भारत पकिस्तान के बीच अभी तक जितनी भी लड़ाईयां हुईं हैं इन सभी लडाईयों में पाकिस्तान को ही हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में अगर मौजूदा परिस्थिति में भारत पकिस्तान के बीच युद्ध होता है तो पाकिस्तान भारत के सामने कहां टिकेगा आज इसी को समझने की कोशिश करेंगे।

मौजूदा समय में भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद विश्व की चौथी सबसे शक्तिशाली सेना है। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (IISS) के आंकड़ों के मुताबिक़ भारत के पास कुल क़रीब 14 लाख सैनिक हैं। जबकि इस मामले में पकिस्तान भारत से काफी पीछे है। ग्लोबल फायर पॉवर यानी GFP के आंकड़ों के मुताबिक़ पाकिस्तान दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं के क्रम में 17वें पायदान पर है। साथ ही पकिस्तान के पास महज साढ़े 6 लाख के ही क़रीब सैनिक हैं।

IISS आंकड़ों के अनुसार भारत के पास साढ़े तीन हज़ार से अधिक युद्ध टैंक, क़रीब 3 हज़ार इन्फैंट्री लड़ाकू वाहन, और तीन सौ से अधिक सशस्त्र पर्सनल कैरियर्स के साथ 9 हज़ार से भी ज़्यादा तोपें हैं। इस मामले में भी अगर पकिस्तान की तुलना भारत से की जाय तो उसके पास अभी तक मौजूद सभी सैन्य हथियार भारत के मुकाबले कम हैं। मौजूदा समय में पाकिस्तान के पास लगभग 2 हज़ार टैंक, डेढ़ हज़ार तक सशस्त्र पर्सनल कैरियर्स, और सिर्फ 4 हज़ार तक की ही संख्या में तोपें मौजूद हैं।

भारतीय वायु सेना भी पाकिस्तानी वायु सेना से कहीं आगे है। मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक भारत के पास इस समय कुल 814 कॉम्बैट एयरक्राफ्ट हैं। जबकि इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज IISS के आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान के पास सिर्फ 425 कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ही हैं जोकि भारतीय एयरक्राफ्ट की तुलना में आधे हैं।

भारत और पकिस्तान की नेवी में भी अगर तुलना की जाय तो भारतीय नेवी पकिस्तान से काफी मज़बूत है। भारतीय नेवी के पास 1 एयरक्राफ्ट कैरियर, 16 सबमरीन्स, 13 फ्रिगेट्स, 106 पैट्रोल और कोस्टल कॉम्बैट जहाज़ हैं साथ ही भातीय नेवी में क़रीब 67 हज़ार से भी अधिक जवान हैं जो भारतीय समुद्री सीमा पर 24सो घंटे मुस्तैद रहते हैं। भारत मुकाबले पाकिस्तानी नेवी काफी छोटी है। पकिस्तान के पास महज 9 फ्रिगेट्स, 8 सबमरीन्स, और सिर्फ 17 पेट्रोल और कोस्टल जहाज़ हैं।

भारत के पास 9 तरह के ऑपरेशनल मिसाइल्स हैं। जिनमें ब्रम्होस अग्नि-3 और K-4 जैसी मिसाइलें शामिल हैं। ब्रह्मोस मिसाइल भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल है। जिसे समुद्र, ज़मीन, या फिर आसमान से भी छोड़ा जा सकता है। जबकि Center for Strategic and International Studies (CSIS) के मुताबिक पकिस्तान के पास ज़्यादा मिसाइलें नहीं हैं। लेकिन पाकिस्तान के पास भी 2 हज़ार किलोमीटर तक वाली मार करने वाली शाहीन-2 मिसाइल है। जोकि भारत के किसी भी इलाके पर हमला करने में सक्षम है।

भारत सरकार अपने GDP का क़रीब 2 फीसदी से अधिक रक्षा बजट पर खर्च करती है। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज यानी IISS आंकड़ों के अनुसार साल 2018 में भारत ने रक्षा क्षेत्र पर क़रीब चार ट्रिलियन रुपये यानी 58 बिलियन डॉलर की रकम खर्च की थी। जबकि साल 2018 में पाकिस्तान की ओर से रक्षा क्षेत्र के लिए 1.26 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये यानी सिर्फ 11 बिलियन डॉलर का ही खर्च किया गया था। पकिस्तान अपनी GDP का 3.6 प्रतिशत खर्च रक्षा बजट पर खर्च करता है जबकि कई दूसरे देश भी पकिस्तान की सैन्य सहायता के लिए पैसे देते हैं। साल 2018 में पकिस्तान को 100 मिलियन डॉलर की रक़म विदेशी सैन्य सहायता के रूप में मिली थी।

भारत और पकिस्तान की सीमाएं कुल 4 राज्यों से होकर गुज़रतीं हैं। जिनमें पंजाब, गुजरात, और राजस्थान के साथ ही जम्मू कश्मीर भी शामिल है। वाला इसके अलावा भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं। भारत के पास जहां 130-140 छोटे बड़े परमाणु बम हैं तो वहीं पकिस्तान के पास भी क़रीब 150 से अधिक परमाणु बम मौजूद हैं।

भारत पाकिस्तान की सैन्य तुलना के बाद मौजूदा परिस्थिति में अगर सैन्य कार्रवाई होती है तो भारत हर क्षेत्र में पाकिस्तान पर भारी पड़ेगा। साथ ही जर्जर अर्थव्यवस्था का दंश झेल रहा पकिस्तान भारत से युद्ध करने के बाद किसी भी लायक नहीं बचेगा। विदेशी मदद के ज़रिए मुल्क़ चलाने वाला पाकिस्तान भारतीय अर्थव्यवस्था से काफी पीछे है। भारत दुनिया की छठीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश है, जिसकी विकास दर भी 7 फ़ीसदी से अधिक है। जबकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की विकास दर भी सिर्फ 4 फीसदी है। इसके अलावा अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी CIA के मुताबिक़ भी भारतीय अर्थव्यवस्था पाकिस्तान के मुक़ाबले क़रीब 9 गुना बड़ी है। साथ ही भारत का विदेशी मुद्रा भण्डार भी पाकिस्तान के मुक़ाबले क़रीब 20 गुना ज़्यादा है।

इन सब आंकड़ों के बावज़ूद भी भारत कभी भी पाकिस्तान से युद्ध करने की मंशा नहीं रखता। भारत एक शांति प्रिय देश है, जो जिओ और जीने दो में विश्वास रखता है। 1996 में भारत की ओर से पाकिस्तान को दिया MFN दर्जा भी भारत पाकिस्तान रिश्तों को सुधारने के लिहाज़ से दिया गया था। हालांकि मौजूदा परिस्थिति को देखने हुए भारत को पकिस्तान को रोकने के लिए कुछ ज़रूरी कदम उठाना बहुत ही आवश्यक था। भारत का पकिस्तान से MFN दर्जा वापस लेना भारत के इसी कदम का एक उदाहरण है। सिंधु जल समझौते के तहत भारत के हिस्से का जो पानीपाकिस्तान में जा रहा था अब भारत उसको साहपुर कांडी डैम के ज़रिए पंजाब और जम्मू कश्मीर में अब उसका इस्तेमाल करेगा। ऐसे में भारत की ओर से पाकिस्तान को मिलने वाले अतिरिक्त पानी नहीं मिलने से पकिस्तान के कृषि क्षेत्र पर भी प्रभाव पड़ेगा।

पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए भारत सैन्य कारवाई के साथ ही दूसरे उपायों को भी आजमा रहा है। भारत दूसरे देशों की मदद से पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित कराने में लगा हुआ है । भारत पाकिस्तान पर दबाव बना कर उसे अंतराष्ट्रीय स्तर पर अलग -थलग करना चाहता है। साथी ही भारत इस कोशिश में भी है कि अमेरिका व अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF पाकिस्तान को कोई कर्ज़ न दें। क्यूंकि पाकिस्तान विदेशी देशों से मिलने वाले कर्ज़ का इस्तेमाल चरमपंथी संगठनों को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल करता है।

इसके अलावा भारत सार्क से भी पाकिस्तान को अलग करा कर साऊथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन यानी सार्क देशों के संगठन को आगे ले जाने की कोशिश कर रहा है। साथी ही दक्षिण पूर्वी देशों के आसियान संगठन को भी भारत अब ज़्यादा महत्व दे रहा है जिससे पाकिस्तान की आर्थिक रूप से घेराबंदी की जा सके। इसके अलावा पाकिस्तान को बायकॉट करने के लिए भी भारत बिम्सटेक समूह को भी आगे लाने में लगा हुआ है।