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Blog / 08 Jul 2019

(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) फेसबुक की क्रिप्टो करेंसी लिब्रा (Facebook Cryptocurrency Libra)

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(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) फेसबुक की क्रिप्टो करेंसी लिब्रा (Facebook Cryptocurrency Libra)


मुख्य बिंदु:

फेसबुक, दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफार्म। ये न केवल लोगों से जुड़ने में मदद करता है बल्कि अपने विचारों , तस्वीरों , वीडियो और लेखों को साझा करने की अनुमति भी देता है। 2004 से 2018 तक लोकप्रियता बटोरने वाली ये वेबसाइट अब लोगों को जोड़ने के साथ साथ उनके लेनदेन को भी आसान बनाएगी।

आज का हमारा ये DNS फेसबुक की क्रिप्टो करेंसी लिब्रा पर प्रकाश डालेगा और उससे सम्बंधित जानकारियों को भी साझा करेगा।

फेसबुक बहुत जल्द अपनी खुद की Cryptocurrency लांच करने जा रहा है , इस करेंसी का नाम लिब्रा होगा। ये विश्व्यापी और स्थायी होगी जिसे आसानी से लोगों के बीच स्थानांतरित किया जा सकेगा । इसे परमानेंट पेमेंट नेटवर्क की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

लिब्रा को जानने से पहले हम Cryptocurrency की बात करेंगे इससे लिब्रा को समझने में आसानी होगी। Cryptocurrency को डिजिटल मनी भी कहा जाता है। इस करेंसी से किये गए सारे ट्रांसक्शन्स ऑनलाइन होते हैं क्यूंकि इसका कोई भौतिक अस्तिव्त नहीं है। हालाँकि Cryptocurrency ने financial market में अपना दरजा मज़बूत बना लिया है लेकिन ये Currency सरकार के नियंत्रण में नहीं होती। ये एक Decentralized Currency है जिसे न तो सरकार, न ही कोई एजेंसी , और न ही कोई बोर्ड नियंत्रित करता है । ये करेंसी अपने उपभोगता ये नियंत्रण में रहती है।

अब बात करें लिब्रा की तो ये एक ग्लोबल डिजिटल करेंसी होगी जिसका संचालन लिब्रा Association द्वारा होगा । लिब्रा से पहले भी काफी Cryptocurrency आ चुकी हैं जिसमें सबसे पहली Cryptocurrency Bitcoin थी । मूलरूप से लिब्रा भी Bitcoin की तरह ही होगी। लिब्रा न तो प्रिंट होगी, न ही इसके लेन-देन में कोई शुल्क लगेगा ।और इसकी मांग में वृद्धि इसका मूल्ये बढ़ाएगी ।

Bitcoin का मूल्ये समय के साथ कम होता चला गया था जिसका मुख्य कारण उसका विकेन्द्रीकृत होना था। Bitcoin पर कोई सरकारी नियंत्रण नहीं था जिससे लोगों को इसका इस्तेमाल अवैध लगता था। लेकिन लिब्रा बिटकॉइन से अलग होगी। लिब्रा पूर्ण रूप से एक निजी संस्था के नियंत्रण में होगी। चूँकि लिब्रा को निजी संस्थाएं नियंत्रित करेंगी इसका मूल्ये काफी हद्द तक स्थायी ही रहेगा और लोग आसानी से लिब्रा में निवेश कर पाएंगे। लोगों को बैंक जाने कि ज़रुरत नहीं पड़ेगी । लोग भीम, मास्टर कार्ड और वीसा कार्ड के ज़रियेपेमेंट कर पाएगा। लिब्रा मोबाइल पेमेंट की तरह भी काम करेगा।

जहाँ लिब्रा के इतने फायदे हैं वहां कुछ दिक्कतें भी हैं। जब भी कोई व्यक्ति एक देश से दुसरे देश जाता है या फिर एक देश से दुसरे देश में पैसों का लेन-देन करता है, उसे उस देश की करेंसी में अपनी मुद्रा को परिवर्तित करना होता है। लेकिन लिब्रा के आने के बाद इसकी ज़रुरत नहीं होगी।

भुगतान शुल्क के अलावा एक सवाल वैधानिकता का भी खड़ा होता है। यूँ तो लिब्रा के आने से देश विदेश में भुगतान करना आसान हो जाएगा लेकिन इसकी स्थिरता और वैधानिकता पर व्यापारियों को संदेय है। ये संदेय लोगों के मन में इसलिए है क्यूंकि आज तक किसी भी क्रिप्टोकोर्रेंसी को केंद्र बैंक से मान्यता नहीं मिली है । Cryptocurrency एक कंप्यूटर मोड से दुसरे कंप्यूटर मोड में आसानी से ट्रांसफर की जा सकती है जिस कारण इसके हैक होने के की सम्भावना बढ़ जाती है। लेकिन फेसबुक की लिब्रा क्रिप्टोकोर्रेंसी को एक प्राइवेट संस्था संभालेगी और ये करेंसी सिर्फ कुछ कंप्यूटर में ही रहेगी जिस कारण इसके हैक होने की सम्भावना भी कम रहेगी ।

इन सभी चुनौतियों के बावजूद फेसबुक और अपने बड़े प्लेटफार्म और ब्रांड पर भरोसा है। फेसबुक ये दवा करती है कि जो लोग बिटकॉइन में निवेश करने से डरते हैं उन लोगो के लिए लिब्रा एक सुरक्षित मार्ग प्रदान करेगा। लिब्रा आर्थिक रूप से एक स्थायी करेंसी होगी। इसलिए फेसबुक का ये दावा है कि लिब्रा बिटकॉइन से काफी बेहतर साबित होगी। और इस दिशा में फेसबुक के साथ और भी कंपनियां जुड़ चुकी हैं।