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Blog / 08 May 2020

(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) चीन के खिलाफ अमेरिका का डोजियर (American Dosier Against China)

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(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी)  चीन के खिलाफ अमेरिका का डोजियर (American Dosier Against China)



अमरीका और चीन के बीच की रंजिशें आज से नहीं हैं । कभी व्यापार युद्ध , कभी दक्षिण चीन सागर का मसला तो कभी उत्तर कोरिया की सरपरस्ती ।COVID -19 की महामारी और आने वाले अमरीकी राष्ट्रपति चुनावों की वजह से ये रंजिशें फिर से एक बार परवान चढ़ती हुई दिख रही हैं।इसमें सबसे ताज़ा कड़ी है एक 15 पन्नों का डोजियर जिसे सीआईए एम आई ६ समेत दुनिया की जानी मानी ख़ुफ़िया एजेंसियों ने तैयार किया है । हालांकि इस डोजियर को अभी तक जनता के बीच नहीं लाया गया है । लेकिन इस डोजियर का साफ़ मकसद है चीन को पूरी दुनिया की नज़र में गुनहगार साबित करना।

आज के DNS में हम जानेंगे इस १५ पन्नों के डोजियर के बारे में । साथ ही समझेंगे की इस डोजियर की मौजूदा वक़्त में अहमियत को और इसमें लगाए गए चीन के खिलाफ इल्ज़ामों की हकीकत को।

पश्चिम देशों द्वारा COVID 19 वैश्विक महामारी का दोष चीन पर मढ़ने की ख्वाहिश अब इंटेलिजेंस एजेंसियों के बनाये गए 15 पन्नो के एक डोजियर के रूप में सामने आयी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ सोमवार को ये डोजियर किसी ने लीक कर दिया।

ऑस्ट्रलियाई अखबार संडे टेलीग्राफ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ ये दस्तावेज़ पश्चिम देशों की सरकारों के द्वारा बनवाये गए थे । अखबार में छपी रिपोर्ट का कहना है की इस काम को चीन के खिलाफ जांच कर रही 5 देशों की इंटेलिजेंस एजेंसियों में अंजाम दिया है जिनमे अमरीका , ऑस्ट्रेलिया , न्यूज़ी लैंड , कनाडा और ब्रिटैन शामिल हैं

इस शोध के लेखकों द्वारा कई अजीबोगरीब तरीकों के ज़रिये चीन द्वारा वैश्विक महामारी के खिलाफ उठाये गए कदमों को पेश किया गया जिससे चीन की छवि को दागदार साबित किया जा सके

इस डोजियर में पेश की गयी हैरतअंगेज़ कहानियों के चलते इस डोजियर को जनता में नहीं लाया गया । इसकी वजह इसमें छापे गए तथ्यों को साबित न कर पाने के लिए सबूतों का न होना था

इस दस्तावेज़ का एक बड़ा हिस्सा वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरोलोजी और इसकी सबसे जानी मानी शोधकर्ता शी जेंगली के नाम है । शी जेंगली ने अपने करिएर का बड़ा हिस्सा सार्स जैसे कोरोना वायरस और इनको फैलाने वाले चमगादड़ों के शोध में लगा दिया । यही वजह है की डा शी को बैट वीमेन के नाम से जाना जाता है डोजियर से ये साफ़ साफ़ ज़ाहिर होता है की इसका मकसद ये साबित करना है की COVID 19 महामारी जेंगली की प्रयोगशाला से फ़ैली थी । इसका मकसद सिर्फ और सिर्फ ये साबित करना है की ये घातक वायरस चीन से फैला है।

यह डोसियर एक ऐसी खोज की और इशारा करता है जिसमे खुद के मुनाफे की गुंजाईश थी जिसमें डॉ शी शामिल थी । ऐसे अध्ययनों का मकसद स्वाभाविक रूप से होने वाले संक्रामक वाहकों में होने वाले म्युटेशन की पहचान करना है जो पूरी मानव जाती के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है । प्रयोगशाला में इस तरह के म्युटेशन के साथ मूल वायरस बनाना एक आने वाले प्रकोप की तैयारी करने जैसा है । हालांकि क्या इस तरह के शोध से वायरस फैलने का खतरा हो सकता है या इससे जैव आतंकवाद की संभावनाएं जन्म ले सकती हैं इस पर कहना थोड़ा मुश्किल है

हालाँकि डोजियर में छपे दस्तावेज़ से ये साफ़ तौर पर ज़ाहिर है की अगर चीन ने इस खतरनाक नमूने का कोई भी हिस्सा गलती से छोड़ दिया होता । और इसके बाद चीन को इस पूरे मसले को छिपाने के लिए अपनी तैयारी करनी पड़ती । ये सारे आरोप ही इस दस्तावेज़ के केंद्र बिंदु में आते हैं । ये दस्तावेज़ ये दावा करता है की बीजिंग में इन सारे सबूतों को या तो छिपा गया या खत्म कर दिया गया । वुहान में मौजूद वह बाजार जहां से COVID19 जैसी महामारी फ़ैली उसे डिसइंफेक्ट करना भी इसी बात की तरफ इशारा करता है । चीन ने हुबेई प्रान्त में अंदरूनी तौर पर भी आने जाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था इससे भी ये ज़ाहिर होता है की चीन का इस महामारी को फैलाने में हाथ रहा है।

तकरीबन 17 खुफिया एजेंसियां इस बात से इत्तेफ़ाक़ रखती थी की ये वायरस वुहान से ही आया है । हालांकि तमाम सूत्रों से ये भी पता चला है की इस वायरस का छोड़ा जाना एक गलती थी।

लीक हुआ डोजियर अभी भी जनता के सामने नहीं आया है जिससे इसकी निष्पक्ष जांच हो सके । हालांकि इस डोजियर में लगाए गए तमाम इलज़ाम खुफिया एजेंसियों के कयासों और किसी अनजान अधिकारी द्वारा जारी किये गए मीडिया सूत्रों के मुताबिक़ हैं । इस डोजियर के सामने आने से अमेरिका और चीन के बीच खटास और बढ़ जाएगी । सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि सारे पश्चिमी देश इस बात पर एकमत हैं की ये महामारी चीन से ही फ़ैली है । इस डोजियर का मकसद जो भी हो लेकिन इनसब से चीन पूरी दुनिया की नज़र में एक खलनायक के तौर पर उभर कर सामने आएगा । हालांकि चीन का इस पूरी महामारी को फैलाने में हाथ है या नहीं ये तो वक़्त ही बताएगा लेकिन इन सब घटनाओं से कुछ ऐसे हालात पैदा होने के आसार हैं जो पूरी दुनिया को जंग के मुहाने पर लाकर खड़ा कर सकते हैं।