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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 09 July 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 09 July 2020



जुनोटिक रोग अभी और आएंगे !

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वर्ष 2018 में 10 रोगों की एक सूची जारी की थी, जो महामारी पैदा कर सकते हैं |
  • इस सूची में जीका, इबोला और सीवियर एक्युट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स कोरोना वायरस जनित) जैसे वायरस के अलावा एक अज्ञात बीमारी ( एक्स डिजीज) का भी जिक्र था |
  • अब यह माना जा रहा है कि COVID-19 ही अज्ञात वायरस जनित डिजीज एक्स है |
  • दासजक, WHO कि उस टीम का हिस्सा थे जिसने 10 उन बीमारियों की सूची बनाई थी जो महामारी में परिवर्तित हो सकती हैं ।दासजक और इस टीम ने अनुमान लगाया था कि डिजीज एक्स जानवरों से उत्पन्न होने वाली एक वायरल डिजीज होगी और ऐसी जगह पर उभरेगी जहां आर्थिक विकास ने लोगों और वन्यजीवों के बीच की दूरी को खत्म कर दिया है |
  • इसमें यह भी कहा गया था कि यात्रा और व्यापार के कारण यह बीमारी जल्दी से पूरे विश्व में फैल जाएगी |
  • पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के पशु चिकित्सक कहते हैं - कोरोना के दौरान संक्रामक रोगों की हमारी समझ में सुधार हुआ लेकिन अभी बहुत कुछ अज्ञात है |
  • 2011- 2018 के बीच, 172 देशों में 1483 महामारी की घटनाएं सामने आई इसमें से दो तिहाई बीमारियां जूनोटिक थी |
  • पशुओं के माध्यम से मनुष्यों में फैलने वाले रोग को जूनोसिस या जूनोटिक रोग कहा जाता है |
  • जूनोटिक संक्रमण मनुष्यों में जानवरों के अलावा बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी के माध्यम से फैलता है |
  • मलेरिया, इबोला, HIV- एडस, रेबीज, COVID-19 आदि जूनोटिक संक्रमण के कारण फैलने वाले रोग हैं !
  • वर्ष 2018 में एक प्रोजेक्ट ( ग्लोबल विरोम प्रोजेक्ट) लांच किया गया था, जिसके तहत अगले 10 वर्षों में उन सभी स्थानों को मिलाकर एक ग्लोबल एटलस विकसित करने की बात की गई है, जहां से प्राकृतिक जूनोटिक वायरस पाए जाने की संभावना है |
  • आज वैज्ञानिकों के पास मनुष्यों को संक्रमित कर सकने वाले सिर्फ 260 वायरस की जानकारी है जो जूनोटिक वायरस की संख्या का महज 0.1% ही है अर्थात हम आज भी लगभग 99.9% संभावित जूनोटिक वायरस में अनभिज्ञ हैं |
  • हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) तथा अंतरराष्ट्रीय पशुधन अनुसंधान संस्थान द्वारा COVID-19 महामारी के संदर्भ में “ प्रीवेंटिंग द नेक्स्ट पेंड़ेमिक : जूनोटिक डिजीज एंड हाउ टू ब्रेक द चेन ऑफ ट्रांसमिशन (Preventing the next Pandemic : zoonotic diseases and how to break the chain of transmission) नामक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है |
  • इस रिपोर्ट को 6 जुलाई को विश्व जूनोसिस दिवस (World Zoonoses Day) के अवसर पर प्रकाशित किया गया है |
  • दरअसल 6 जुलाई 1885 को फ्रांसीसी जीव विज्ञानी लुई पाश्चर द्वारा एक प्रमुख जुनोटिक बीमारी रेबीज के खिलाफ पहला टीका विकसित किया गया था |
  • आज जूनोटिक बीमारी का प्रभाव कितना ज्यादा है और यह कितना बढ़ चुका है यह इससे समझा जा सकता है कि केवल निम्न मध्यम आय वाले देशों में हर साल 10 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु जूनोटिक रोगों के कारण हो जाती है |
  • हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट में ना सिर्फ जूनोटिक बीमारियों की प्रकृति एवं प्रभाव पर चर्चा की गई है बल्कि यह भी कहा गया है कि यदि इसे रोकने का प्रयास नहीं किया गया तो COVID-19 जैसी अन्य महामारीयां सकती हैं |
  • इस रिपोर्ट में हाल के समय में बढ़ते जूनोटिक रोगों के पीछे सात कारण बताए गए हैं-
  1. प्राकृतिक संसाधनों का निरंतर प्रयोग और इसके वजह से प्रकृति में हस्तक्षेप |
  2. प्राकृतिक क्षेत्र में अति प्रवेश और वन्यजीवों का बढ़ता उपयोग और दोहन |
  3. हाल के समय में पशु प्रोटीन की बढ़ती मांग |
  4. गहन और अस्थिर खेती में वृद्धि |
  5. मात्रा और परिवहन
  6. खाद आपूर्ति श्रंखला में बदलाव
  7. जलवायु परिवर्तन संकट
  • वर्षा वनों में एक बड़ी आबादी अफ्रीका के साथ-साथ विश्व के अन्य भागों में रहती है, जहां मानव पशु संपर्क तेजी से बढ़ रहा है जिससे संक्रमण भी तेजी से फैल रहा है |
  • इस रिपोर्ट से अलग पर्यावरण जानकारों का मानना है कि जूनोटिक रोगों का तेजी से फैलना कोई अप्रत्याशित घटना नहीं है बल्कि जिस तरह से मनुष्य ने प्रकृति के हर चीज पर अपना अधिकार जमाया है और इस प्रवृत्ति में वृद्धि हुई है उससे यह होना ही था |
  • पर्यावरण जानकारों का मानना है जब हम दूसरे जीवो के संपर्क में आएंगे तो उनकी बीमारियां भी हम तक आएंगी |
  • इन्हीं तथ्यों को देखते हुए इस रिपोर्ट में 10 ऐसे तरीकों के विषय में बताया गया है जो भविष्य में जूनोटिक संक्रमण को रोकने में सहायक हो सकते हैं |
  1. पशु जनित बीमारियों या जूनोटिक संक्रमण पर अध्ययन और खोज को बढ़ाना |
  2. पशुजनित बीमारियों की निगरानी और नियामक तरीकों को मजबूत करना |
  3. जैव-सुरक्षा/जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देना तथा पशुपालन से संबन्धित बीमारियों का अध्ययन करना !
  4. कृषि और वन्य जीव के अस्तित्व को बढ़ावा देने के लिए भू-दृश्य का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करना |
  5. भूमि उपयोग, सतत विकास योजना आदि के कार्यान्वयन तथा निगरानी के लिए एक बेहतर/प्रभावी दृष्टिकोण का विकास !
  6. सभी देशों में स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करना |
  7. खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने के लिए ऐसे वैकल्पिक उपायों को विकसित करना जिससे भू-स्वरूप तथा जैव विविधता को कोई नुकसान ना हो |
  8. बीमारियों के संदर्भ में लागत मुनाफा विश्लेषण को बेहतर बनाना |
  9. पशु जनित बीमारियों के संदर्भ में जागरूकता बढ़ाने पर बल देना |
  10. एक स्वास्थ्य पहल (One Health Initiative) पर बहू विषयक/ अंतरविषयक तरीकों से निवेश पर जोर देना |
  • जूनोटिक बीमारियों के संदर्भ में प्रश्न -उत्तर
  • पहला प्रश्न- क्या वायरस के मानव से मानव संचरण में वृद्धि हुई है ? इसका उत्तर है - हां - दक्षिण भारत में कयासनूर फॉरेस्ट डिसीज (KFD) पहले पश्चिमी कर्नाटक के छोटे से शहर तक सीमित था लेकिन आज यह पश्चिमी घाट के कई राज्यों में फैल गया है |
  • क्या हम जुनोटिक बीमारियों के संदर्भ में जानवरों से अधिक संवेदनशील है ? इसका उत्तर है कि मनुष्य एवं जानवर की इम्युनिटी में बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता है लेकिन इंसानों के लिए यह नए होते हैं और जानकारी कम होती है इस कारण यह ज्यादा प्रभावित करते हैं |

हांगकांग की स्वायत्तता कम करने वाला विधेयक

  • चीन से लगा हुआ एक छोटा-सा क्षेत्र हांगकांग है ! यह वन कंट्री टू सिस्टम की व्यवस्था के तहत शासित होता है !
  • यह एक वैश्विक महानगर, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र और पूंजीवादी अर्थव्यवस्था वाला क्षेत्र है !
  • हांगकांग का अपना कानून, अपना झंडा, मुद्रा, पासपोर्ट, वीजा सिस्टम होता है लेकिन विदेश एवं रक्षा विभाग चीन के पास है !
  • चीन एवंजक्यूटिव अधिकारी यहां का मुख्य होता है, जिसे चुनने में चीन की मुख्य भूमिका होती है !
  • चीन एवं ब्रिटेन के मध्य हुए प्रथम अफीम युद्ध के बाद 1842 में चीन ने हांगकांग को ब्रिटेन को सौंपा !
  • 1898 में संधि के माध्यम से हांगकांग ब्रिटेन को 99 साल की लीज पर मिला !
  • 1941 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हांगकांग पर जापान का कब्जा हो गया !
  • 1946 में हांगकांग ब्रिटेन के हस्तक्षेप से नागरिक सरकार की स्थापना हुई !
  • 1970 तक हांगकांग एशिया का इकोनामिक पावर हाउस बन गया !
  • 1997 में ब्रिटेन के हुकूमत में रहने के बाद चीन को वापस सौंपा गया !
  • हांगकांग को एक देश दो व्यवस्था की मान्यता मिली ! इसका अर्थ- हांगकांग की इकोनामिक एवं पॉलीटिकल सिस्टम मैनलैंड से अलग होगी !
  • हाल ही में हांगकांग विधायिका ने एक राष्ट्रीयगान विधेयक (National Anthem Bill) पारित किया जो चीन के राष्ट्रगान का अनादर करने वालों को अपराधी घोषित करता है |
  • यह विधेयक उन लोगों को सजा (3 वर्ष तक की जेल या $6450 तक का जुर्माना) देने की अनुमति देता है जो चीन के राष्ट्रगान का अपमान करते हैं |
  • बिल में साफ-साफ यह कहा गया है कि सभी व्यक्तियों एवं संगठनों को चीनी राष्ट्रगान के सम्मान एवं गरिमा को बनाए रखना चाहिए और उचित अवसरों पर बजाना एवं गाना चाहिए |
  • यह विधेयक 41:1 के बहुमत से पारित हुआ है तथा यह 7 जुलाई 2020 से प्रभावी भी हो चुका है |
  • इसके (नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) तहत आतंकी गतिविधियों और विदेशी संगठनों के साथ शामिल होने पर आजीवन कारावास की सजा मिलेगी |
  • इसके साथ-साथ चीन की सरकार के पास हांगकांग के राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में दखल देने का भी अधिकार मिल गया है |
  • इस (राष्ट्रीय सुरक्षा) कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को हांगकांग का कोई भी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य माना जायेगा |
  • बोलने की स्वतंत्रता, प्रेस की आजादी जैसे अधिकार नए कानून के तहत संरक्षित होंगे |
  • पुलिस बल ,सेना जैसे कुछ विशेष परिवहन वाहन एवं उपकरणों को नुकसान पहुंचाना आतंकवाद की श्रेणी में शामिल होगा |
  • कानून का उल्लंघन करने वाली कंपनियों/ संस्थाओं पर जुर्माना लगाया जाएगा और उनका लाइसेंस निलंबित किया जाएगा |
  • स्थानीय अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न करने वाले व्यक्तियों की जांच करने एवं फोन टैप करने का अधिकार होगा | संपत्ति को भी जब्त किया जा सकता है |
  • यह कानून हांगकांग के स्थाई एवं गैर स्थाई दोनों प्रकार के निवासियों पर लागू होगा |
  • हांगकांग में चीन समर्थित सरकार का कहना है कि इससे हांगकांग की स्वायत्तता पर कोई खतरा उत्पन्न नहीं होगा |
  • USA,कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ- साथ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने इसकी आलोचना की है |
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस बार के चुनाव में हांगकांग मुद्दे को लेकर कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है इसलिए वह इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपना सकते हैं |
  • वहीं अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने राष्ट्रपति ट्रंप से आग्रह किया है कि वह वर्ष 2019 के हांगकांग मानवाधिकार बिल के कड़े कदम उठाए |
  • बहुत से लोगों का मानना है कि यदि इस समय वाणिज्य हितों को देखते हुए अमेरिका कड़े क़दम नहीं उठाता है तो वह मानवाधिकार के विषय में कभी बोल नहीं पाएगा |
  • अधिकांश समीक्षक इस पर सहमत हैं कि इससे एक देश दो व्यवस्था के सिद्धांत का उल्लंघन होगा और हांगकांग की स्वायत्तता कम होगी|

वर्चुअल क्लामेंट एक्शन मीटिंग

  • जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक एकजुटता प्रदर्शित करने तथा इसके दुष्प्रभाव को रोकने के लिए हाल ही में विभिन्न देशों के पर्यावरण मंत्रियों के मध्य वर्चुअल क्लामेंट एक्शन मीटिंग का आयोजन किया गया |
  • इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) के तहत लागू होने वाले पेरिस समझौते को न सिर्फ पूरी तरह से लागू करने की बात की गई बल्कि वैश्विक इच्छाशक्ति और प्रयास में तत्परता लाने की भी बात कही गई |
  • इस बैठक की सह अध्यक्षता यूरोपीय संघ, चीन तथा कनाडा द्वारा की गई |
  • बैठक में सम्मिलित सभी पक्षकार लगभग इस पर सहमत दिखे कि आर्थिक क्रियाकलापों और जलवायु परिवर्तन में संतुलन बनाने की आवश्यकता है |
  • विकासशील देशों की तरफ से भारत ने विकसित देशों से वित्तीय एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने की मांग की |
  • 30 देशों के मंत्रियों एवं प्रतिनिधियों के बीच इस बैठक के माध्यम से भारत ने विकसित देशों का ध्यान इस ओर भी आकर्षित किया कि वर्ष 2020 तक 1 ट्रिलियन डॉलर कि जो मदद विकसित देशों द्वाराविकासशील देशों की जानी थी वह अभी तक पूरी नहीं हो पाई है |
  • भारत ने वर्ष 2005 से 2014 के बीच अपने GDP की तुलना में उत्सर्जन गहनता में 21% की कमी की है |
  • वर्ष 2015 से मई 2020 तक भारत में बिजली उत्पादन में गैर जीवाश्म स्त्रोतों का प्रतिशत 30.5% से बढ़कर 37.7% हो गया है |
  • सरकार द्वारा 8 करोड़ LPG कनेक्शन का वितरण करके स्वच्छ ईंधन के प्रतिशत को बढ़ाया गया है |
  • उजाला योजना के तहत 36 करोड़ से अधिक LED बल्ब का वितरण किया गया है |
  • 1 अप्रैल 2020 तक भारत स्टेज-VI उत्सर्जन मानकों को पूरे देश में लागू कर दिया है जबकि इसे 2024 तक लागू करने की योजना थी |

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