संगठित अपराध - यूपीएससी, आईएएस, सिविल सेवा और राज्य पीसीएस परीक्षाओं के लिए समसामयिकी


संगठित अपराध - यूपीएससी, आईएएस, सिविल सेवा और राज्य पीसीएस  परीक्षाओं के लिए समसामयिकी


चर्चा का कारण

  • केरल स्वर्ण तस्करी के मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश तथा संदीप नायर को नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी ने बंगलूरू से गिरफ्तार किया। इन दोनों पर एक राजनयिक की सहायता से 30 किग्रा स्वर्ण तस्करी का आरोप था तथा यह देश में संगठित अपराध के बढ़ने का सूचक भी है।

क्या है मुद्दा :-

  • स्वप्ना सुरेश ( जो कि संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्यिक दूतावास में सचिव रह चुकीं हैं) , ने एक राजनयिक की सहायता से 30 किलोग्राम सोने की तस्करी की। भ्रष्टाचार तथा संगठित अपराध के इस खेल में अब तक केरल मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव तक का नाम सामने आ रहा है जो कि संगठित अपराध की जड़ो के प्रसार को स्पष्ट कर रहा है । इस प्रकार के कृत्य न सिर्फ राष्ट्र की सुरक्षा व्यवस्था को नुक्सान पहुंचते हैं बल्कि राष्ट्र के आर्थिक सम्प्रभुता को भी धराशाई करते हैं।

क्या होता है संगठित अपराध :-

इंटरपोल के अनुसार :-

  • निगमित संरचना के साथ ऐसा निकाय तथा जिसका उद्येश्य गैर विधिक मार्गों से धन प्राप्त करना हो तथा यह प्रायः भय तथा भ्र्ष्टाचार पर आधारित हो , संगठित अपराध कहलाता है। साधारण शब्दों में वह अपराध जो किसी संगठन द्वारा योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया जाता है संगठित अपराध कहलाता है। इसमें संगठन के पास पर्याप्त प्रशिक्षित कार्यबल होता है।
  • पारपंरिक संगठित अपराध:- अवैध शराब का धंधा,जबरन वसूली, अपहरण,,डकैती,समुद्री डकैती,लूट,ब्लैकमेल

संगठित अपराध

  • आधुनिक संगठित अपराध :-मनी लांड्रिंग,हवाला कारोबार,साइबर अपराध,जाली नोटों का वितरण, मानव तस्करी,हथियारों एवं पदार्थों की तस्करी,अवैध व्यापार तथा स्वर्ण तस्करी संगठित अपराध का एक राष्ट्र के अनेक क्षेत्रों तक अथवा अनेक राष्ट्रों तक नेटवर्क हो सकता है। व्यापक नेटवर्क के साथ प्रतिबद्ध व्यक्तियों की एक बड़ी संख्या होती है। जो संगठित अपराध को अंजाम देते हैं।

भारत के लिए संगठित अपराध खतरा क्यों है?

  • भारत को संगठित अपराध द्वारा निम्नलिखित खतरों का सामना करना पड़ता हैं
  • भारत में विभिन्न वर्गों के बीच मतभेद उपस्थिति हैं । ये मतभेद आर्थिक, सामाजिक, क्षेत्रीय, नृजातीय, जातिगत, सांप्रदायिक अनेक प्रकार के हैं। अपराधियों द्वारा मतभेदों को भुनाने का प्रयास किया जाता है
  • अनेक क्षेत्रें में नृजातीय संघर्ष एवं अलगाववादी आंदोलन चल रहे हैं और इन आंदोलनों का आपराधिक संगठनों से जुड़ाव भी महत्त्वपूर्ण समस्या है।
  • भारत में शिक्षित बेरोजगारों की बड़ी संख्या में है जिन्हें प्रशिक्षित करके संगठित अपराधों के योग्य बनाया जा सकता है जो भारतीय मानव पूँजी को भी क्षति पहुंचाते हैं।
  • पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंधों में तनाव हैं अतः विभिन्न पड़ोसियों द्वारा आपराधिक संगठनों को आर्थिक सहायता तथा प्रशिक्षण एवं अस्त्र-शस्त्र दी जाती है।
  • विकासशील देश होने के कारण भारत के पास आंतरिक सुरक्षा पर खर्च के लिए सीमित आर्थिक संसाधन जबकि आपराधिक संगठनों के पास पर्याप्त वित्त की उपलब्धता की समस्या के कारण संगठित अपराधियों और राजनीतिज्ञों के बीच सहयोग विकसित होने की संभावना बनी रहती है।
  • राजनीतिक-प्रशासनिक जीवन में सबसे भ्रष्टाचार के कारण सीमा पार के आपराधिक संगठनों एवं राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन विकसित होने की संभावना भी बनी रहती है।
  • भारत की ‘गोल्डन ट्रेंगल’तथा ‘गोल्डन क्रिसेंट’ के बीच अवस्थिति जबकि यह संगठित अपराधों के लिए वित्ततीय स्रोत का कार्य करते हैं। विशेषतौर पर मादक मूल्यों के माफियाओं द्वारा भारत के अलगाववादी गुटों को आर्थिक सहायता दी जाती है ।
  • नॉन स्टेट एक्टर और स्टेट एक्टर में गठजोड़ राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा के समक्ष चुनौतिया प्रस्तुत कर रहा है।
  • भारत में संगठित अपराध और आतंकवाद के गठजोड़ से नार्को आतंकवाद का खतरा बढ़ते जा रहा है। जम्मू-कश्मीर समेत पूर्वोत्तर राज्यों में सीमा पार से हेरोइन अवैध कारोबार का बढ़ावा दे रहा है।
  • कहीं न कहीं इस प्रकार की तस्करी इन अराजक तत्वों को वित्तीयन प्रदान करती है जो राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक है।
  • जिस प्रकार इस स्वर्ण तस्करी मामले में शिक्षित , तथा सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों का नाम आ रहा इससे स्पष्ट है कि यह राष्ट्र में भ्रष्टाचार , शासन की अनैतिकता जैसी कई समस्याओं का कारक बन रहा है

संगठित अपराध के विस्तार के कारण:

  • संगठित अपराध के नेटवर्क का विस्तार।
  • आतंकी समूह तथा संगठित अपराध में गठजोड़।
  • आपराधिक संगठनों के द्वारा आपराधिक गतिविधियों के संचालन हेतु विभिन्न क्षेत्रें में धन भेजने के कारण।
  • आतंकी समूहों को विभिन्न क्षेत्रें में आतंकी उद्देश्यों के लिए धन से प्रवाह को बनाए रखने की आवश्यकता।
  • बढ़ते हुए भ्रष्टाचार के कारण अवैध धन का भण्डारण बढ़ना।
  • अपहरण, अवैध वसूली आदि से प्राप्त धन को खपाने की आवश्यकता।
  • मादक पदार्थों, मानव तस्करी तथा गैर-कानूनी हथियारों की तस्करी एवं व्यापार से प्राप्त धन के उपयोग को सुनिश्चित करना।
  • वैश्वीकरण ने इस प्रक्रिया को तीव्र कर दिया। MNCs तथा विभिन्न बैंकों, शेयर मार्केट आदि से इसका व्यापक विस्तार हो गया।

संगठित अपराध के नियंत्रण से जुड़ी चुनौतिया

  • राष्ट्रीय स्तर पर और स्थानीय स्तर पर निपटने हेतु ऐसे संगठित अपराधों का कोई आंकड़ा ही नहीं है।
  • सभी राज्यों में संगठित अपराध नियामक कानून नहीं होना उदाहरण के लिए अभी सिर्फ महाराष्ट्र और दिल्ली में ही संगठित अपराध नियामक कानून लागू है।
  • संगठित अपराध से जुड़े अपराधियों के पास पुलिस से ज्यादा आधुनिक हथियार हैं।
  • पुलिस बेड़े को संगठित अपराध गिरोहों से निपटने का समुचित प्रशिक्षण नहीं दिया जाना।
  • सार्वजनिक जीवन में बढ़ता भ्रष्टाचार
  • संगठित अपराध से राजनितिक-प्रशासनिक-पुलिस का गठजोड़
  • संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ त्‍वरित जांच और अभियोजन तथा आप्रवासन एवं सीमा नियंत्रण सहयोग और संब‍ंधित मंत्रालयों और संगठनों के साथ रणनीति का कुशल क्रियान्वयन नहीं होना

संगठित अपराध को रोकने हेतु क्या किया जाने की आवश्यकता है?

  • राष्ट्रीय स्तर पर और स्थानीय स्तर पर निपटने हेतु ऐसे संगठित अपराधों का कोई आंकड़ा उपलब्ध करवाया जाया। NATGRID एक उपयुक्त मंच हो सकता है इस तंत्र से पुलिस आसूचना प्रणाली का समन्वय किया जाना चाहिए।
  • सभी राज्यों में संगठित अपराध नियामक कानून को लागू किया जाये।
  • चुनाव एवं प्रशासनिक सुधारो के माध्यम से राजनितिक-प्रशासनिक-पुलिस का गठजोड़ को तोड़ना
  • पुलिस बेड़े को संगठित अपराध गिरोहों से निपटने का समुचित प्रशिक्षण करना और पुलिस

प्रणाली का आधुनिकीकरण

  • सीमा प्रबंधन और तटीय सुरक्षा को बढ़ाना
  • सरकार को संगठित अपराध पर ARC की अनुशंसाओं को लागू करना चाहिए।
  • यह स्पष्ट है कि संगठित अपराध की रीढ़ शिक्षित परन्तु बेरोजगार लोग हैं अतः यह आवश्यक है कि रोजगार सम्बर्धन पर ध्यान दिया जाये ।
  • जैसा कि इस प्रकरण में स्पष्ट है कि अच्छे पदों पर आसीन व्यक्ति भी इस कुत्सित प्रक्रिया का हिस्सा हैं अतः शासन में नैतिकता जैसे आयामों को बढ़ावा देना चाहिए।

इसके साथ कुछ अंतर्राष्ट्रीय स्तर से प्रयास आवश्यक हैं।

  • कूटनीतिक प्रयासः पड़ोसियों के साथ संबंधों को बेहतर बनाना तथा मतभेदों को भावनात्मक रूप से देखने की बजाय वास्तविकता की दृष्टि से देखना।
  • 2019 में मानव तस्‍करी रोकने के लिए भारत और म्‍यांमार के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर समझौता ज्ञापन :एमओयू: एक अच्छा उदाहण है इसे नेपाल और बांग्लादेश समेत शामिल करते हुए और क्षेत्रों तक विस्तार किये जाने की जरुरत है।
  • वर्तमान भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) शिखर सम्मेलन संगठित अपराध और आतंकवाद से निपटने के लिए कामकाजी व्यवस्था के लिए यूरोपोल और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के बीच एक समझौते की दिशा में आगे बढ़ा जाये।
  • UNCTOC (UN convention on transnational organised crime) इसे प्रभावी रूप से लागू कराना। यह संधि UNODC (UN office of drung crime) के क्षेत्रधिकार में है। इसके लागू होने से संगठित अपराध तथा मादक पदार्थों के तस्करी के बीच संबंध भी टूटेगा। UNCTOC के पूरक के रूप में विशिष्ट क्षेत्र संबंधी तीन प्रोटोकॉल भी हैंः
  • व्यक्तियों (स्त्रियों एवं बच्चों) के अवैध-अनैतिक व्यापार को रोकना।
  • अवैध प्रवासियों की तस्करी पर प्रतिबंध।
  • हथियारों के अवैध व्यापार का सामना करना।

रेटिंग में सुधार के लिए अपनाए जा सकने वाले महत्वपूर्ण कदम

  • UNCC (UN-Convention on corruption) को प्रभावी रूप से लागू करना। यह संधि 14 दिसम्बर, 2005 से लागू है। भारत द्वारा दिसंबर 2005 में ही हस्ताक्षर किया गया था। मई 2001 में इसे संसद की स्वीकृति भी मिली थी। यह संधि भी UNODC के क्षेत्रधिकार में है। इसलिए संगठित अपराध और भ्रष्टाचार का गठबंधन भी टूटेगा।
  • वित्तीय कार्यवाही कार्यबल (FATF) के कार्यों में सहयोग भी करना चाहिए।

निष्कर्ष :-

  • संगठित अपराध न केवल राष्ट्र की सुरक्षा वरन आर्थिक सम्प्रभुता को क्षतिग्रस्त करते हैं। इसके साथ साथ संगठित अपराध की सफलता किसी देश में कमजोर प्रशासन तथा लचर कानून व्यवस्था का सूचक है। अतः इसे रोकने हेतु महत्वपूर्ण प्रयास किया जाना अनिवार्य है। इस स्वर्ण तस्करी के अपराधियों के पकडे जाने का यह अर्थ है कि राष्ट्र की सुरक्षा एजेंसियां अपने कर्तव्य का निष्ठापूर्वक पालन कर रहीं हैं। परन्तु इसके साथ ही भ्रष्टाचारी समूहों को रोकने की भी आवश्यकता है।
मुख्य परीक्षा प्रश्न :
  • संगठित अपराध राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा के साथ साथ देश की आर्थिक सम्प्रभुता को भी क्षतिग्रस्त करता है ? कथन का विशलेषण करें ?