भारत की सौर ऊर्जा रणनीति - यूपीएससी, आईएएस, सिविल सेवा और राज्य पीसीएस परीक्षाओं के लिए समसामयिकी


भारत की सौर ऊर्जा रणनीति - यूपीएससी, आईएएस, सिविल सेवा और राज्य पीसीएस  परीक्षाओं के लिए समसामयिकी


सन्दर्भ:-

  • हाल ही में प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के रीवा में स्थापित 750 मेगावाट की रीवा सौर परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया है इस परियोजना में एक सौर पार्क जिसका कुल क्षेत्रफल 1500हेक्टेयर है।

परिचय:-

  • ऊर्जा किसी भी देश के विकास का इंजन होती है। किसी देश में प्रति व्यक्ति होने वाली ऊर्जा का उपभोग उस देश जीवन स्तर का भी सूचक है यही नहीं आर्थिक विकास का भी ऊर्जा उपयोग के साथ मजबूत संबंध होता है।
  • इसलिए भारत जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता अत्यधिक आवश्यक है।भारत ने पिछले कुछ वर्षों में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतर प्रयास किए हैं और उन्हें प्रयासों के तहत हाल ही में प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के रीवा में स्थापित 750 मेगावाट कीरीवा सौर परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया है इस परियोजना में एक सौर पार्क जिसका कुल क्षेत्रफल 1500हेक्टेयर है, के अंदर स्थित 500 हेक्टेयर भूमि पर 250- 250मेगावाट की तीन सौर उत्पादन इकाइयां शामिल है।
  • इस सौर पार्क के विकास के लिए भारत सरकार की ओर से रीवा अल्ट्रा मेगासोलर लिमिटेड को 138 करोड रुपए की वित्तीय मदद प्रदान की गई थी। इस सौरपार्क को रीवाअल्ट्रामेगासोलर लिमिटेड ने विकसित किया है। जो मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई सोलरएनर्जीकॉर्परेशन ऑफ इंडिया की संयुक्त उद्यम कंपनी है।
  • यह सौर परियोजना ग्रिड क्षमता अवरोध को तोड़ने वाली देश की पहली सौर परियोजना है। यह परियोजना वार्षिक तौर पर लगभग 15 लाखटन कार्बनडाइऑक्साइडउत्सर्जन को कम करने में सहायक होगी।यह परियोजना राज्य के बाहर संस्थागत ग्राहक को बिजली आपूर्ति करने वाली देश की पहली अक्षय ऊर्जा परियोजना भी है।

सौर ऊर्जा :-

  • सूर्य से प्राप्त शक्ति को सौर ऊर्जा कहते हैं इस ऊर्जा को उष्माया विद्युत में बदलकर अन्य प्रयोग में लाया जाता है । सूर्य से प्राप्त उर्जा को प्रयोग में लाने के लिए सोलरपैनल की आवश्यकता होती है।
  • भारतीय भूभाग पर 5000 लाख किलो वाट घंटा प्रति वर्ग मीटर के बराबर सौर ऊर्जा आती है साफ धूप वाले दिनों में सौर ऊर्जा का औसत 5 किलो वाट घंटा प्रति वर्ग मीटर होता है 1 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए लगभग 3 हेक्टेयर समतल भूमि की जरूरत होती है।
  • आश्चर्यजनक तथ्य है कि शोधकर्ताओं के अनुसार वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लागू किए गए लॉकडाउन से हवा की गुणवत्ता में जो सुधार आया है उसके चलते मार्च से मई माह के बीच पृथ्वी को 8.3% अधिक सौर ऊर्जा प्राप्त हुई है ।

भारत के संदर्भ में आयोजित ऊर्जा संबंधित अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम

  • नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने अक्टूबर 2018 में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहली सभा हिंद महासागर रिम एसोसिएशन की दूसरी ऊर्जा मंत्री स्तरीय बैठक और दूसरी नवीकरणीयउर्जा-इनवेस्टमीटिंग और एक्सपो की मेजबानी की।

भारत में सौर ऊर्जा की स्थिति

  • भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है । उष्णकटिबंधीय देश होने के कारण हमारे यहां वर्ष भर सौर विकरण प्राप्त होती है जिसमें सूर्य प्रकाश के लगभग 3000 घंटे शामिल हैं।
  • भारतीय भूभाग पर 5000 लाख किलो वाट घंटा प्रति वर्ग मीटर के बराबर सौर ऊर्जा आती है।
  • भारत सरकार ने 2022 के अंत तक 175 गीगावाटनवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य निर्धारित किया है इसमें पवन ऊर्जा से 60 गीगावाट सौर ऊर्जा से 100 गीगावॉट,बायोमास ऊर्जा से 10 गीगावाट और लघु जल विद्युत परियोजना से 5 गीगावॉट शामिल है।
  • सौर ऊर्जा उत्पादन में सर्वाधिक योगदान रूफटॉप सौर ऊर्जा (40%) और सोलर पार्क (40%) का है।
  • यह देश में बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता का 16% है सरकार का लक्ष्य इसे बढ़ाकर स्थापित क्षमता का 60% करना है।
  • यदि भारत में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाया जा सकेगा तो इससेजीडीपी दर भी बढ़ेगी और भारत सुपरपावर बनने की राह पर भी आगे बढ़ सकेगा।
  • वर्ष 2035 तक देश में सौर ऊर्जा की मांग 7 गुना तक बढ़ने की संभावना है।
  • वर्ष 2040 तक भारत आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ सकता है भविष्य की इस मांग को सौर ऊर्जा से पूरा करने की दिशा में ठोस प्रयास होने चाहिए।

सौर ऊर्जा से होने वाले लाभ

  • सौर ऊर्जा कभी खत्म ना होने वाला संसाधन है और यहसौर ऊर्जा कभी खत्म ना होने वाला संसाधन है और यह नवीकरणीय संसाधनों का सबसे बेहतर विकल्प है। सौर ऊर्जा वातावरण के लिए भी लाभकारी है जब इसे उपयोग किया जाता है तो यह वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसें नहीं छोड़ती इससे वातावरण दूषित नहीं होता।
  • सौर ऊर्जा अनेक उद्देश्यों के लिए प्रयोग की जाती है इन में उष्णता भोजन पकाने और विद्युत उत्पादन करने का काम शामिल है।
  • सौर ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए विद्युत या गैस ग्रिड की आवश्यकता नहीं होती है एक सौर ऊर्जा निकाय को कहीं भी स्थापित किया जा सकता है सौर ऊर्जा के पैनलों को आसानी से घरों में कहीं पर भी रखा जा सकता है इसलिए ऊर्जा के अन्य स्रोतों की तुलना में काफी सस्ता भी है।

सौर ऊर्जा की राह में चुनौतियां

  • सौर ऊर्जा प्लेटों को स्थापित करने के लिए जमीन की उपलब्धता में कमी ।
  • गर्म और शुष्क क्षेत्रों के लिए गुणवत्तापूर्णसोलरपैनल बनाने की नीतियों का अभाव |
  • विभिन्न नीतियों और नियम बनाने के बावजूद सोलरपैनल लगानेके खर्च में कमी नहीं।
  • आवासीय घरों में छतों पर सोलरपैनल लगाने पर आने वाला भारी खर्च सौर ऊर्जा परियोजनाओं की राह में बड़ी बाधा ।

राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन

  • इस मिशन का उद्देश्य फॉसिल आधारित ऊर्जा विकल्पों के साथ सौर ऊर्जा को प्रतिस्पर्धी बनाने के अंतिम उद्देश्य के साथ बिजली सृजन एवं अन्य उपाय उपयोगों के लिए सौर ऊर्जा के विकास एवं उपयोग को बढ़ावा देना है।
  • इस मिशन का लक्ष्य दीर्घकालिक नीति,बड़े स्तर पर परियोजना लक्ष्यों, महत्वाकांक्षी अनुसंधान एवं विकास का महत्वपूर्ण कच्चे माल, अवयवों तथा उत्पादों के घरेलू उत्पादन के माध्यम से देश में सौर ऊर्जा से जान की लागत को कम करना है।

प्रयास योजना

  • भारत सरकार ने देश की फोटो वोल्टिक क्षमता को बढ़ाने के लिए सोलरपैनल निर्माण उद्योग को 210 अरब की सरकारी सहायता देने की योजना बनाई है |प्रयास(PRADHAN MANTRI YOJNA FOR AUGMENTING SOLAR MANUFACTURING)नामक इस योजना के तहत सरकार ने वर्ष 2030 तक कुल ऊर्जा का 40% हरित ऊर्जा से उत्पन्न करने का लक्ष्य रखा है।

सोलर रुफ टॉप योजना

  • सरकार द्वारा grid-connected रूफटॉप और छोटे सौर ऊर्जा संयंत्र कार्यक्रमों का भी क्रियान्वयन किया जा रहा है जिनके तहत आबादी सामाजिक सरकारी और संस्थागत क्षेत्रों में सीएफए/प्रोत्साहन के जरिए 2100 मेगावाट की क्षमता स्थापित की जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत सामान्य श्रेणी वाले राज्यों में आवासी संस्थागत एवं सामाजिक क्षेत्रों में इस तरह की परियोजनाओं के लिए बेंच मार्क लागत की 30% तक और विशेष श्रेणी वाले राज्य में बेंचमार्क की लागत से 70% तक केंद्रीय सहायता मुहैया कराई जा रही है।

राष्ट्रीय पवन सौर हाइब्रिड नीति

  • मई 2018 में राष्ट्रीय पवन सर हाइब्रिड नीति जारी की गई इस नीति का मुख्य उद्देश्य बड़े ग्रेट से जुड़े पवन सौर फोटोवोल्टिकहाइब्रिड प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए एक ढांचा प्रदान करना है।
  • इसके द्वारा पवनवसौर संसाधनों से भूमिका कुशल और अधिकतम प्रयोग कर अधिक ऊर्जा उत्पादन करने में मदद मिलेगी इसी क्रम में देश में सौर पार्क स्थापित किए जा रहे हैं।
  • गौरतलब है कि पिछले दिनों दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क शक्ति स्थल कर्नाटक के पावागढ़ में बनाया गया है साथ ही देश के किस राज्य में कुल 26694 मेगावाट क्षमता के 47सौरपार्क स्थापित करने को मंजूरी मिली है।

अन्य नीतिगत उपाय

  • हरित ऊर्जा गलियारा परियोजना के माध्यम से बिजली पारेषण नेटवर्क का विकास।
  • टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से सौर ऊर्जा की खरीद के लिए दिशा निर्देश।
  • स्मार्टसिटी के विकास के लिए दिशा-निर्देशों के तहत रूफटॉपसोलर एवं 10% नवीकरणीय ऊर्जा के प्रावधान को अनिवार्य बनाना।
  • सौर परियोजनाओं के लिए अवसंरचना दर्जा प्रमुख सोलर बोर्ड जारी करना तथा दीर्घकालिक ऋण उपलब्ध कराना।

निष्कर्ष

  • भारत में विगत एक दशक के दौरान बढ़ती आबादी आधुनिक सेवाओं तक पहुंच विद्युतीकरण की दर तेज होने और जीडीपी में वृद्धि की वजह से सौर ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ी है और माना जाता है कि इसे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के बजाय सौर ऊर्जा के जरिए आसानी से पूरा किया जा सकता है।देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए न केवल बुनियादी ढांचा मजबूत करने की जरूरत है , बल्कि ऊर्जा के नए स्रोत तलाशना भी जरूरी है ऐसे में सौर ऊर्जा क्षेत्र भारत के ऊर्जा उत्पादन और मांगों के बीच की बढ़ती खाई को बहुत हद तक पाट सकता है ।

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3

  • पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी

मुख्य परीक्षा प्रश्न :

  • भारत की सौर ऊर्जा रणनीति पर चर्चा करें ? यह देश के विकास में किस प्रकार सहयोग कर सकती है ?