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Brain-booster / 29 Sep 2022

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: तारागिरी (Taragiri)

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चर्चा मे क्यों?

  • प्रोजेक्ट 17(ए) के तहत युद्धपोत तारागिरी, 11 सितंबर 2022 को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई से लॉन्च किया गया।

‘तारागिरी’ के बारे में:

  • तारागिरी का नाम उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में स्थित हिमालय की एक पर्वत शृंखला पर रखा गया है।
  • प्रोजेक्ट 17(ए) युद्धपोत का यह पांचवां जहाज है।
  • ये जहाज प्रोजेक्ट-17 फ्रिगेट्स (शिवालिक वर्ग) के उन्नत संस्करण हैं।
  • जहाज का प्रक्षेपण भार लगभग 3510 टन है।
  • जहाज निर्माण के दौरान एकीकृत निर्माण पद्धति का प्रयोग हुआ है।
  • इसमें विभिन्न ज्योग्राफिकल लोकेशन में हल (HULL) ब्लॉकों का निर्माण और एमडीएल में स्लिपवे (SLIPWAY) पर एकीकरण शामिल है।
  • जहाज को भारतीय नौसेना के इन-हाउस डिजाइन संगठन, ब्यूरो ऑफ नेवल डिजाइन द्वारा डिजाइन किया गया है।

तारागिरी में शामिल होगाः

  • अत्याधुनिक हथियार
  • सेंसर
  • उन्नत सूचना प्रणाली
  • इंटिग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम
  • विश्व स्तरीय मॉड्यूलर लिविंग स्पेस
  • परिष्कृत पावर वितरण प्रणाली
  • अन्य उन्नत सुविधाओं की व्यवस्था
  • इसे सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली से सुसज्जित किया जाएगा।
  • वायु रक्षा क्षमताः दुश्मन के विमानों से खतरे का मुकाबला करने हेतु इसे डिजाइन किया गया है। इसमें जहाज-रोधी क्रूज मिसाइलें ऊर्ध्वाधर प्रक्षेपण और लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली के चारों ओर घूमेंगी।
  • दो 30 मिमी रैपिड-फायर बंदूकें जहाज को निकट-रक्षा क्षमता प्रदान करेंगी।
  • एसआरजीएम (सुपर रैपिड गन माउंट) बंदूक इसे प्रभावी नौसैनिक गनफायर सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाएगी।

प्रोजेक्ट-17 (ए) के बारे में:

  • प्रोजेक्ट-17 अल्फा फ्रिगेट्स (P-17A) को भारतीय नौसेना द्वारा 2019 में लॉन्च किया गया था।
  • इस परियोजना को 7 स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट की शृंखला बनाने के लिए लॉन्च किया गया था।
  • इसका निर्माण दो कंपनियां मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) द्वारा किया जायेगा।
  • P-17A कार्यक्रम के तहत जिन 5 जहाजों को लॉन्च किया गया है उनमें नीलगिरि, उदयगिरि, तारागिरी, हिमगिरी और दूनागिरी शामिल हैं।
  • ‘आत्मनिर्भर भारत’ को ध्यान में रखते हुए प्रोजेक्ट 17(ए) जहाजों के, उपकरणों के निर्माण संबंधी 75% ऑर्डर एमएसएमई सहित स्वदेशी फर्मों को दिए जा रहे हैं।

जहाज निर्माण उद्योग के लाभः

  • एक ‘रणनीतिक उद्योग’ जो राष्ट्र की सुरक्षा के साथ-साथ औद्योगीकरण और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, यह देश की महासागर आधारित ‘नीली अर्थव्यवस्था’ को बढ़ावा देगा।
  • ‘नागरिक-सैन्य एकीकरण’ का अर्थ है कि आधुनिक बुनियादी ढांचे और नागरिक शिपयार्ड के कुशल जनशत्तिफ़ का उपयोग नौसेना कार्यक्रमों के लिए किया जा सकता है।

भारतीय जहाज निर्माण उद्योग के लिए चुनौतियां:

  • मुख्य चुनौतियों में वैधानिक भार होना, लेवी, बैंक गारंटी, कार्यशील पूंजी और शैक्षणिक संस्थानों का अभाव शामिल है।

भारतीय जहाज निर्माण उद्योग के लिए अवसरः

  1. कम श्रम लागत
  2. मजबूत घरेलू मांग
  3. कुछ घटकों के लिए उद्योग के बुनियादी ढांचे का समर्थन करना
  4. लंबी तटरेखा
  5. प्रतिस्थापन की मांग
  6. नए भवन की कीमत

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