यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)
विषय (Topic): इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माताओं के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (Production Linked Incentive Scheme for Electronics Manufacturers)
चर्चा का कारण
- हाल ही में, सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के उदेश्य से ‘उत्पादन से संबंध प्रोत्साहन’ योजना शुरू की है। इसके लिए अब इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रलय की दिग्गज इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों जैसे कि सैमसंग, पेगाट्रॉन, फ्रलेक्स और फॉक्सकॉन आदि से चल रही वार्ता अपने अंतिम चरण में है।
योजना के बारे में
- भारत, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर विनिर्माण क्षेत्र में, अन्य प्रतिस्पर्धी देशों के मुकाबले पिछड़ा हुआ है।
- इस क्षेत्र में, पर्याप्त इंफ्रॉस्ट्रक्चर की कमी, घरेलू आपूर्ति शृंखला और लाजिस्टिक, उच्च वित्तीय लागत तथा ऊर्जा की अपर्याप्त आपूर्ति के चलते लगभग 8.5 से 11 फीसदी का नुकसान होता है।
- इसके अलावा, सीमित डिजाइन क्षमताएं, उद्योगों द्वारा अनुसंधान एवं विकास पर अपेक्षाकृत कम व्यय और कौशल विकास में कमी के कारण भी इस उद्योग को काफी नुकसान होता है।
- इसी मकसद से सरकार ने बीते 1 अप्रैल 2020 को ‘उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन’ (PLI) योजना को राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति के एक भाग के रूप में भी शुरू किया।
- इस योजना के अंतर्गत घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण और पार्ट्स विनिर्माण के लिए व्यापक निवेश को आकर्षित करने हेतु वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाता है।
योजना से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु
- इस योजना के अंतर्गत भारत में निर्मित और लक्षित क्षेत्रें में शामिल वस्तुओं की वृद्धिशील बिक्री पर पात्र कंपनियों को 5 साल की अवधि के लिये 4-6 फीसदी तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। (वृद्धिशील बिक्री आधार वर्ष के मुताबिक तय की जाती है।)
- इस योजना में वित्तीय वर्ष 2019-20 को आधार वर्ष के तौर पर माना जाएगा।
- योजना का लाभ उठाने हेतु कंपनियों को आवेदन करने के लिए शुरुआत में 4 महीने का वक़्त दिया गया है, जिसे बाद में जरूरत पड़ने पर बढ़ाया जा सकता है।
- इस योजना का कार्यान्वयन एक नोडल एजेंसी के जरिए किया जाएगा।
- यह नोडल एजेंसी एक परियोजना प्रबंधन एजेंसी (Project Management Agency– PMA) के तौर पर काम करेगी।
पात्रता
- योजना के मुताबिक, 15,000 रुपये या उससे ज्यादा दाम के मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों द्वारा भारत में निर्मित सभी मोबाइल फोन की बिक्री पर 6 फीसदी तक की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
- इस योजना के तहत भारतीय स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा मोबाइल फोन बनाने के लिए अगले चार सालों में 200 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
निवेश किस तरह का होगा?
- योजना के अंतर्गत सभी भारतीय इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण कंपनियां या भारत में रजिस्टर्ड इकाईयां आवेदन की पात्र होंगी।
- ये कंपनियां प्रोत्साहन राशि के लिए किसी नई इकाई का निर्माण कर सकती हैं या फिर, भारत में तमाम स्थानों पर कार्यरत अपनी मौजूदा इकाइयों के विस्तार के आधार पर ये कंपनियां प्रोत्साहन राशि की मांग कर सकती हैं।
- हालांकि कंपनियों द्वारा किसी परियोजना के लिए जमीन और इमारतों पर किए गए निवेश को प्रोत्साहन राशि के लिए निवेश के रूप में नहीं माना जायेगा।