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Brain-booster / 09 Aug 2020

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (विषय: ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते कोरोना वायरस के मामले (Pandemic is Shifting to Rural Areas)

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यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते कोरोना वायरस के मामले (Pandemic is Shifting to Rural Areas)

अल-अमल (Al Amal : UAE Mars Mission)

चर्चा का कारण

  • कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव के बीच शहरों की बड़ी आबादी गांव की तरफ वापस गई है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर प्रवासियों की घर वापसी हुई थी, जिसके बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में 30 से 80 फीसदी तक मरीजों के आंकड़ों में बीच उछाल दर्ज की गई है।

प्रमुख बिन्दु

  • कई जगहों पर अपने क्षेत्रों तक पहुंचे श्रमिकों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि भी हुई। ऐसे लोगों की संख्या भी बहुत ज्यादा हो सकती है।
  • बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, असम और पश्चिम बंगाल (आंध्र प्रदेश और केरल के अलावा) जैसे राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों ने नीति निर्माताओं के लिए अधिक चुनौतियां पेश की हैं।
  • कई अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों का भी दावा है कि अगस्त तक भारत में संक्रमितों की संख्या 15 लाख से ज्यादा हो सकती है और ऐसी स्थिति से निपटने के लिए भारत में मौजूदा मेडिकल इंफ्रॉस्ट्रक्चर और मेडिकल उपकरणों की संख्या काफी कम है।

भारत की ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति

  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार देश की लगभग 69 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है भारत की ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को और बेहतर भारत सरकार की ही रिपोर्ट नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2019 से समझा जा सकता है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में 21,403 सरकारी अस्पताल (प्राथमिक, सामुदायिक और उप-जिला / मंडल अस्पताल को मिलाकर) हैं जिनमें 2,65,275 बेड हैं, जबकि शहरों के 4,375 अस्पतालों में 4,48,711 बेड हैं।
  • देश में तो वैसे हर 1,700 मरीजों पर एक बेड है लेकिन ग्रामीण भारत में इसकी स्थिति चिंताजनक है। ग्रामीण क्षेत्रों में 3,100 मरीजों पर एक बेड है। राज्यों की बात करें तो इस मामले में बिहार की स्थिति सबसे खराब है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 10 करोड़ आबादी रहती है जिनके लिए कुल 1,032 अस्पताल हैं जिनमें महज 5,510 बेड हैं। इस हिसाब से देखेंगे तो लगभग 18,000 ग्रामीणों के लिए एक बेड की व्यवस्था है।
  • वहीं देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की 77 फीसदी (15 करोड़ से ज्यादा) आबादी गांवों में रहती है, जिनके लिए 4,442 अस्पताल और कुल 39,104 बेड हैं। लगभग 3,900 मरीज पर एक बेड की व्यवस्था है। तमिलनाडु इस मामले में सबसे अच्छी स्थिति में है जहां के ग्रामीण क्षेत्र में कुल 40,179 बेड हैं और कुल 690 सरकारी अस्पताल हैं। इस हिसाब से तमिलनाडु में हर बेड पर लगभग 800 मरीज हैं।
  • रूरल हेल्थ स्टैटिस्टिक्स की मानें तो भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में 26,000 की आबादी पर महज एक एलोपैथिक डॉक्टर हैं जबकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) कहता है कि हर 1,000 लोगों पर एक डॉक्टर होने चाहिए, वहीं पूरे देश की बात करें तो देश में 10,000 की आबादी पर लगभग सात डॉक्टर हैं। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के यहां रजिस्टर्ड एलोपैथिक डॉक्टरों की कुल संख्या लगभग 1-1 करोड़ है।

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