यूपीएससी आईएएस और यूपीपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए उत्तर लेखन अभ्यास कार्यक्रम: पेपर - III (सामान्य अध्ययन-2: शासन व्यवस्था, संविधान शासन-प्रणाली, सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध) - 10, जुलाई 2020


यूपीएससी आईएएस और यूपीपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए उत्तर लेखन अभ्यास कार्यक्रम (Answer Writing Practice for UPSC IAS & UPPSC/UPPCS Mains Exam)


मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम:

  • पेपर - III: सामान्य अध्ययन- II: शासन व्यवस्था, संविधान शासन-प्रणाली, सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रश्न - ट्रांसजेडर समुदाय से संबंधित विभिन्न मुद्दों का उल्लेख करते हुए ट्रांसजेंडर विधेयक 2019 के प्रावधानों पर संक्षेप में चर्चा कीजिए।(250 शब्द)

मॉडल उत्तर:

परिचय

यह विधेयक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित करता है, जिसका लिंग जन्म के समय निर्धारित लिंग से मेल नहीं खाता है। इस विधेयक में, ट्रांसजेंडर के अन्तर्गत, ट्रांसमैन, ट्रांसवुमेन, इंटरसेक्स विभिन्नताओं वाले व्यक्ति, किन्नर तथा जेंडर क्वीर को सम्मिलित किया गया है।

ट्रांसजेंडर समुदाय से संबंधित विभिन्न मुद्दे

  • एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रांसजेंडर लोगों के मध्य बाल यौन शोषण, यौन हिंसा, कार्यस्थल पर हिंसा और घृणा जैसे अपराधों सहित शारीरिक और मानसिक हिंसा की घटनायें काफी अधिक है।
  • ट्रांसजेंडर समुदाय की विभिन्न सामाजिक तथा आर्थिक समस्यायें हैं, जिनमें बेरोजगारी, सामाजिक बहिष्कार, शैक्षिक तथा चिकित्सा सुविधाओं का अभाव, विवाह तथा बच्चों को गोद लेने सम्बन्धित समस्यायें प्रमुख हैं।
  • इन्हें समाज से बहिष्कार कर दिया जाता है जिससे ये लोग मानव तस्करी का आसानी शिकार हो जाते हैं।
  • आज भी, ट्रांसजेंडर को समाज में एक बीमारी के तौर पर देखा जाता है। इन्हें न तो पुरुषों के समाज में मान्यता मिलती है और न ही महिलाओं के समाज में, जिससे इन्हें सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है। भारत में लैंगिक आधार पर विभाजन, अभी भी पुरानी व्यवस्था का अंग है जिससे इन्हें समाज का अंग नहीं माना जाता है।
  • भारत में स्पष्ट तौर पर ट्रांसजेंडर समुदाय को लेकर सामाजिक जागरूकता का अभाव है। भारत में कई वर्षों तक जनगणना में ट्रांसजेंडर समुदाय को सम्मिलित नहीं किया गया।
  • संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा किये गये एक अध्ययन के अनुसार, देश में ट्रांस—विमेन के बीच एच.आई.वी. के प्रसार की दर सबसे अधिक है।

ट्रांसजेंडर विधेयक 2019 के मुख्य प्रावधान

  • इस विधेयक के अनुसार, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के संबंध में एक राष्ट्रीय परिषद की स्थापना का भी प्रावधानकिया गया है, जिसमें केन्द्रीय मंत्रालयों, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नीति आयोग और राज्य सरकारों के विभिन्न सदस्य सम्मिलित होंगे। जो ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए नीतियों, कानून, शिकायतों के निवारण और परियोजनाओं के प्रभाव की निगरानी करेंगे।

यह विधेयक ट्रांसजेंडर व्यक्ति के खिलाफ भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। इस विधेयक के अनुसार—

  • किसी ट्रांसजेंडर की सेवा लेने या सेवा देने से इंकार करना।
  • उन्हें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवा, जनता के लिए उपलब्ध वस्तुओं और सुविधाओं से वंचित करना।
  • अवसरों को प्राप्त करने से रोकना तथा उनके आवागमन को बाधित करना।
  • उन्हें संपत्ति, निवास या किराये के निवास के अधिकार से वंचित करना।
  • सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरउपलब्ध न कराना।
  • वैसे किसी सरकारी या निजी प्रतिष्ठान में पहुंचने से रोकना, जिसकी देखभाल या कस्टडी में कोई ट्रांसजेंडर व्यक्ति हो।
  • सार्वजनिक स्थानों के उपयोग से ट्रांसजेंडर्स को प्रतिबंधित करना।

निष्कर्ष

संविधान का अनुच्छेद 15, समानता का अधिकार देता है। इस अनुच्छेद के अनुसार किसी व्यक्ति के साथ केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग तथा जन्मस्थान के आधार पर प्रतिबंध को निषेध किया गया है। यह विधेयक समानता के अधिकारको पूरी तरह से सार्थक करता हुआ सिद्ध होताहै। जिस प्रकार से महिलाओं तथा पुरुषों को गरिमामयी जीवन जीने का अधिकार प्राप्त है उसी प्रकार देश के ट्रांसजेंडर समुदाय को भी जीवन जीने का अधिकार है।