Daily Audio Bulletin for UPSC, IAS, Civil Services, UPPSC/UPPCS, State PCS & All Competitive Exams (23, June 2019)


Daily Audio Bulletin for UPSC, IAS, Civil Services, UPPSC/UPPCS, State PCS & All Competitive Exams (23, June 2019)


बुलेटिन्स

1. चमकी बुखार के कारण बिहार में मौत का तांडव जारी। अब तक हो चुकी हैं क़रीब 140 मौतें
2. आतंकवाद की फंडिंग पर FATF की पाकिस्तान को लताड़। आखिरी टेरर टेस्ट के लिए अक्टूबर तक का दिया समय।
3. G -20 का अगला शिखर सम्मेलन जापान के ओसाका शहर में होगा आयोजित। 27 से 29 जून तक चलने वाले इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे पीएम मोदी।
4. राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत वायु प्रदूषण से निपटने की कवायद शुरू। 2024 तक हवा को साफ़ करने का है लक्ष्य
5. करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की यात्रा को लेकर पाकिस्तान ने तय की शर्तें, भारत के सभी प्रस्तावों का किया विरोध

आइये अब ख़बरों को विस्तार से समझते हैं

1. पहली न्यूज़

बिहार में चमकी बुखार के कारण बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहाहै। हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं। इस बिमारी को अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम भी कहा जाता है।

इंसेफ्लाइटिस इंसान के दिमाग से जुड़ी एक गंभीर बिमारी है। आपको बता दें कि दिमाग में लाखों कोशिकाएं और तंत्रिकाएं होती हैं, जिसकी वजह से शरीर के सभी अंग बेहतर तरीके से काम करते हैं।लेकिन जब इन कोशिकाओं में सूजन आ जाती है तो इस हालत को एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम कहा जाता है। ये एक संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी के वायरस शरीर में पहुंचते ही खून में शामिल होकर अपना प्रजनन शुरू कर देते हैं। शरीर में इस वायरस की तादाद बढ़ने पर ये खून के साथ मिलकर व्यक्ति के दिमाग तक पहुंच जाते हैं। दिमाग में पहुंचने पर ये वायरस कोशिकाओं में सूजन पैदा कर देते हैं। जिसकी वजह से शरीर का सेंट्रल नर्वस सिस्टम खराब हो जाता है।

चमकी बुखार में रोगी को लगातार तेज बुखार रहता है। उसके बदन में ऐंठन होती है। साथ ही कमजोरी के चलते रोगी बार-बार बेहोश भी होता है। यहां तक कि शरीर भी सुन्न हो जाता है और उसे झटके लगते रहते हैं। डॉक्टर्स इस बुखार की ठीक-ठीक वजह का पता अब भी नहीं लगा पाए हैं। इसे लेकर तरह-तरह के अंदाज़ा लगाए जा रहे हैं। शुरुआत में यह भी कहा गया कि ये बिमारी लीची खाने के कारण हो रही है। दरअसल लीची में hypoglycin A और methylenecyclopropylglycine यानी MPCG नामक प्राकृतिक पदार्थ पाए जाते हैं। ये पदार्थ शरीर में फैटी ऐसिड मेटाबॉलिज़म बनने में रुकावट पैदा करते हैं। इस कारण ब्लड- शुगर लो लेवल में चला जाता है और दिमाग से जुड़ी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं और दौरे पड़ने लगते हैं।

2. दूसरी न्यूज़

बीते 21 जून को फ्लोरिडा के ओरलैंडो में आयोजित FATF की मीटिंग में पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगायी गई। FATF ने कहा कि पाकिस्तान टेरर फंडिंग पर अपने ऐक्शन प्लान को पूरा करने में कामयाब नहीं रहा है। संस्था ने पाकिस्तान को अक्टूबर तक अपने ऐक्शन प्लान को पूरा करने या फिर कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी है। अगर पाकिस्तान टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने में कमायाब नहीं होता है, तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है। आपको बता दें कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF पेरिस स्थित एक ग्लोबल एजेंसी है जो आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर अंकुश लगाने के लिए काम कर रही है। FATF ने पाकिस्तान से देश में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़े एक्शन लेने के लिए कहा था। ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान पिछले एक साल से FATF की ग्रे लिस्ट में है और उसने FATF से पिछले साल जून में ऐंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग मेकेनिज्म को मजबूत बनाने के लिए उसके साथ काम करने का वादा किया था। लेकिन पकिस्तान ऐसा करने विफल रहा।

3. तीसरी न्यूज़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6वीं बार 27 से 29 जून तक जापान के ओसाका में होने वाले जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री की कई द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी। साथ ही वे कुछ बहुपक्षीय बैठकों में भी हिस्सा लेंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु बैठक में भारत के शेरपा होंगे। शेरपा राज्य या सरकार के प्रमुख का व्यक्तिगत प्रतिनिधि होता है जो अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों मसलन सालाना G-7 और G-20 की तैयारी करता है।

आपको बता दें कि G–20 का गठन सितंबर 1999 में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिहाज़ से किया गया था। साथ ही G–20 ब्रेटन वुड्स संस्थागत प्रणाली की रूपरेखा के भीतर आने वाले अहम् देशों के बीच अनौपचारिक बातचीत और सहयोग को बढ़ावा देने का काम भी करता है। ग़ौरतलब है कि G-20 देशों की अर्थव्यवस्था दुनिया के 90 प्रतिशत उत्पाद, 80 प्रतिशत विश्व व्यापार, दो-तिहाई जनसंख्या और दुनिया के लगभग आधे क्षेत्रफल का हिस्सा है।

4. चौथी न्यूज़

केंद्र सरकार ने वायु प्रदूषण दूर करने की दिशा में बड़ी योजना पर काम शुरू कर दिया है. राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम यानी एनसीएपी के तहत साल २०२४ तक वायु प्रदूषण ख़त्म करने का लक्ष्य रखा गया है. यह मिशन पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से चलाया जा रहा है. कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से वायु की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए 29 राज्यों और छह संघ शासित प्रदेशों के 339 शहरों में 779 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं. आपको बता दें कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एक सांविधिक संगठन है। इसका गठन जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत सितंबर, 1974 में किया गया था। CPCB वायु गुणवत्ता में सुधार और वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और उन्मूलन से संबंधित किसी भी मामले पर केंद्र सरकार को सलाह देने का काम करता है। साथ ही ये वायु प्रदूषण से जुड़े तकनीकी और सांख्यिकीय आंकड़ों को भी इकट्ठा करने और प्रकाशित करने का काम करता है। और यह हवा की गुणवत्ता के लिए मानकों को भी निर्धारित करता है।

इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य है कि 2024 तक हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 की सांद्रता में 20-30 प्रतिशत की कमी लाई जाए. तुलना के लिए 2017 को आधार वर्ष बनाया गया है. ग़ौरतलब है कि भारत में PM 2.5 यानी पार्टिकुलेट मैटर का बढ़ता स्तर वायु प्रदूषण के लिहाज से सबसे गंभीर समस्या है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक PM 2. 5 की सुरक्षित सीमा – 40 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब निर्धारित की गयी है।

आपको बता दें कि पार्टिकुलेट मैटर को अभिकणीय पदार्थ के नाम से जाना जाता है। ये हमारे वायुमंडल में उपस्थित बहुत छोटे कण होते हैं जिनकी मौजूदगी ठोस या तरल अवस्था में हो सकती है। पार्टिकुलेट मैटर वायुमंडल में निष्क्रिय अवस्था में होते हैं, जोकि अतिसूक्ष्म होने के कारण साँसों के ज़रिये हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और कई जानलेवा बीमारियों का कारण बनते हैं।

5. पांचवी न्यूज़

सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में शामिल करतारपुर कॉरिडोर चालू करने के लिए पाकिस्तान ने कई नियम और शर्तें तय की हैं. इन नियम और शर्तों में पाकिस्तान ने इस स्थान को पूरे साल खुला रखने के भारत के प्रस्ताव का विरोध किया है. पाकिस्तान ने कहा है कि सिर्फ 700 श्रद्धालु ही गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर का दर्शन कर सकते हैं. श्रद्धालुओं को सिर्फ एक विशेष परमिट व्यवस्था के तहत करतारपुर की यात्रा करने की इजाजत दी जाएगी. गौरतलब है की भारत द्वारा भारतीय नागरिकों के अलावा ‘ओवरसीज इंडियन कार्ड ’(ओआईसी) धारकों को भी तीर्थयात्रा की इजाजत देने का प्रस्ताव दिया गया था . लेकिन पाकिस्तान ने भारत के इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया

करतारपुर कॉरिडोर के बारे में आपको बताएं तो ये कॉरिडोर पाकिस्तान के करतारपुर और भारत के गुरदासपुर गावों को जोड़ेगा. करतारपुर सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव की कर्मस्थली है . ऐसा माना जाता है की यहीं नानक देव ने अंतिम सांसें ली थीं.

इस कॉरिडोर का मकसद सिख श्रद्धालुओं के लिए गुरुनानक देव की पवित्र धरती तक पहुंच और आवाजाही को आसान बनाना है. भारत में इसका उद्घाटन 26 नवम्बर २०१८ को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू द्वारा किया गया था भारत की ओर से इस कॉरिडोर को बनाने की घोषणा 22 नवम्बर को की गई. भारत और पाकिस्तान, दोनों ही सरकारों ने करतारपुर कॉरिडोर बनाने की पहल की है.

आज के न्यूज़ बुलेटिन में इतना ही... कल फिर से हाज़िर होंगे एग्जाम के लिहाज़ से महत्वपूर्ण कुछ अहम ख़बरों के साथ...

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