बिहार लोक सेवा आयोग मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम - वैकल्पिक विषय "पाली भाषा और साहित्य" (Bihar Public Service Commission (BPSC) Mains Exam Syllabus - Optional Subject "Poly Language and Literature"


बिहार लोक सेवा आयोग मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम - वैकल्पिक विषय "पाली भाषा और साहित्य" (Bihar Public Service Commission (BPSC) Mains Exam Syllabus - Optional Subject "Poly Language and Literature"


खण्ड- I (Section - I)

खण्ड I के चार भाग होंगे।

भाग 1.

(क) पाली भाषा का उद्भव और विकास (यूरोपीय के मध्यकालीन आर्य भाषा तक सामान्य रूपरेखा) पाली का उद्गम स्थल और उसके प्रमुख लक्षण।
(ख) मुख्य व्याकरणिक लक्षण- निम्नलिखित का विशेष ध्यान रखते हुए संधी कारक, विभक्ति, समास, इर्त्थोपच्चय, अपच्चय (बोधक) पच्चय, अधिकार (बोधक) पच्चय और संख्या (बोधक) पच्चय।

भाग 2. पाली साहित्य (पिटक और पिटक परवर्ती साहित्य) के इतिहास का सामान्य ज्ञान, लेखन की प्रमुख विधाएँ; यथा विवरणात्मक रचनाएँ- नेति पकरण पिटकोपदेश, मिलिन्द, (पण्ह), वृत्त साहित्य (दीपवंश, मुहाबरा आदि) टीका साहित्य बुद्धत आत्मकथा बुद्धघोष और धम्मपाल आदि, महाकाव्य, गद्यकाव्य, नीतिकाव्य और काव्य संग्रह आदि साहित्य विधाओं का उद्भव और विकास।

भाग 3. बुद्ध पूर्व और बुद्धोत्तर भारतीय संस्कृति तथा दर्शन मूल तत्व, जिनमें निम्नलिखित पर विशेष ध्यान दिया जाएः चतारि आरिय संच्चानि, तिलक्ठण (दुक्ख, अंनत आनिच्व) और चार अभिवम्भ परमात्य (यथाचित चैतसिक, रूप और निब्बाण)।

भाग 4. पाली में लघु निबन्ध (केवल बौद्ध विषयों पर) (भाग 03 और 04 के प्रश्नों के उत्तर पाली में देने हैं)।

खण्ड- II (Section - II)

इसके दो भाग होंगेः-

भाग- 1. निम्नलिखित कृतियों का सामान्य अध्ययनः-

(क) महावग्ग
(ख) चुल्लवग्ग
(ग) पाति मोक्ख
(घ) दीघ निकाय।
(ङ) मज्झिम निकाय।
(च) संयुक्त निकाय
(छ) धम्पपद
(ज) सुत्त निपात
(झ) जातक
(ञ) थेरगाथा
(ट) थेरीगाथा
(ठ) धम्मसंगणि
(ड) कथावत्थु
(ढ) मिलिन्द पञ्हो
(ण) दीपवंस
(त) महावंश
(थ) अट्ठसालिनी
(द) विसुद्धिमग्ग
(ध) अभिधम्मत्थ संगहो
(न) तेलकटाह गाथा
(प) सुबोधालंकार
(फ) वुत्तोदय

भाग- 2. निम्नलिखित चुने हुए पाठ्य ग्रंथों के मूल अध्ययन के संबंध में प्रमाण (प्रत्येक पाठ्य ग्रंथ के सामने लिखे गाथा अंशों में से पाठ्य विषयक प्रश्न पूछे जाएंगेः-

1. महावग्ग (केवल महाखंधक)
2. दीघ निकाय (केवल सामान्य फल सुत्त)
3. मज्झिमनिकाय (मूल परियाय-सुत्त और सम्मादिट्ठि-सुत्त)
4. धम्मपद (केवल यमक वग्ग)
5. सुत्त निपात (केवल उरग वग्ग)
6. मिलिन्द पण्हो (केवल लक्खण पण्हो)
7. महावंश (प्रथम संगीति, दुत्तीय संगीति और तृतीय संगीति)
8. विसुद्धि मग्गो (केवल सील-निद्देस)
9. अभिधम्मत्थ संगहो।

भाग 02 के सम्बन्ध में टिप्पणी

1. कम-से-कम 25 प्रतिशत अंकों के प्रश्नों के उत्तर पाली में लिखने होंगे।
2. अनुवाद तथा टीका के लिए परिच्छेद ऊपर कोष्ठकों में दिए गए अंशों में से ही चुने जायेंगे।

<< मुख्य पृष्ठ पर वापस जाने के लिये यहां क्लिक करें

Courtesy: BPSC